आपदा से सुरक्षा: जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को ट्रेनिंग।

नागरिक सुरक्षा को लेकर दिया गया वृहद प्रशिक्षण

आपदा आने पर बरती जाने वाली सावधानियां और लोगों तक त्वरित मदद पहुँचाने की बारीकियाँ समझाईं
जनप्रतिनिधिगण, जिला स्तरीय अधिकारी, एसडीएम व नगर निगम के अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

ग्वालियर – आपात आपदा की स्थिति में कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी हैं, सायरन
बजने पर क्या करना है, मौके पर उपलब्ध संसाधनों से घायलों की कैसे मदद करनी है, रासायनिक व
जैविक हमलों से कैसे बचना है ।

आपात स्थिति निर्मित होने पर अपनाई जाने वाली सावधानियां एवं
जरूरतमंदों तक मदद पहुँचाने से संबंधित तमाम बारीकियां सिखाई गईं। यहाँ बात हो रही है जिला
प्रशासन की पहल पर नागरिक सुरक्षा को लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के
दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम की।

आपदा से सुरक्षा: जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को ट्रेनिंग।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह व नगर निगम आयुक्त
श्री संघ प्रिय की मौजूदगी में आयोजित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसडीआरएफ की टीम ने जीवंत प्रदर्शन
कर आपदा के समय लोगों को बचाने के उपाय समझाए।

साथ ही वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से नागरिक
सुरक्षा व सावधानियों से संबंधित जानकारी दी गई। रासायनिक व जैविक हमलों से बचाव पर प्रजेंटेशन
भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिया गया।

नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधायक श्री साहब सिंह गुर्जर तथा श्री विनोद शर्मा व श्री
विजय जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शांति समिति के सदस्यगण, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री टी
एन सिंह विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व जिले के एसडीएम एवं नगर निगम के अधिकारी-
कर्मचारियों ने नागरिक सुरक्षा से संबंधित बारीकियां सीखीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह मौजूद
थे। कार्यक्रम का संचालन श्री एस बी ओझा ने किया।

सजग प्रहरी की भूमिका निभाएँ सभी जिम्मेदार नागरिक – कलेक्टर श्रीमती चौहान
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने इस अवसर पर आह्वान किया कि हम सब संयमित पर सतर्क रहकर
सजग प्रहरी की भूमिका निभाएँ, जिससे आपात स्थिति आने पर हम अपने शहर, प्रदेश व देश की सुरक्षा व
मजबूती में योगदान दे सकें।

आपदा से सुरक्षा: जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को ट्रेनिंग।

उन्होंने जानकारी दी कि जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम ने मिलकर
आपात स्थि‍ति के मद्देनजर व्यापक तैयारियां की हैं। वायुसेना के साथ तत्काल कम्युनिकेशन चैनल तैयार
किया गया है। आपात स्थिति में आवश्यकता पड़ने पर लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने
के लिये शहर को चार हिस्सों में बांटकर बारीकी से अस्पतालों एवं वहाँ उपलब्ध संसाधनों की बारीकी से

 

मैपिंग कर ली गई है। इसी तरह जरूरत पड़ने पर लोगों को आश्रय स्थल (शेल्टर) भी चिन्हित कर लिए गए
हैं। उन्होंने बताया कि जिले में सफलतापूर्वक मॉकड्रिल का आयोजन किया गया।

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी कि सम्पूर्ण शहर में जरूरत पड़ने पर
सायरन के माध्यम से लोगों को सतर्क व सचेत किया जा सके, इसके लिये सभी वार्डों में स्थल चिन्हित कर
फिलहाल लाउड स्पीकर के माध्यम से सायरन बजाने की व्यवस्था कर ली गई है।

बहुत से अस्पतालों व पेट्रोल पंप संचालकों ने भी अपने यहाँ सायरन लगा लिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि शहर की हर कॉलोनी व
बसाहट में लोगों को सतर्क करने के लिये ब्लैकआउट वार्डन भी नियुक्त किए जा रहे हैं जो अपने-अपने क्षेत्र
में सायरन बजने पर घरों की लाइट बंद करने इत्यादि के लिये लोगों को सतर्क करने में मदद करेंगे।

इसी तरह शासन के निर्देशों के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को सिविल डिफेंस वॉलेन्टियर बनाया
जायेगा। इसमें खासतौर पर एनसीसी, स्काउट, गाइड, सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर चुके लोगों को
प्राथमिकता दी जोयगी। इन सभी को एसडीआरएफ के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिलाया जायेगा।

आपदा से सुरक्षा: जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को ट्रेनिंग।
आंतरिक सुरक्षा की मजबूती में सिविल सोसायटी का योगदान जरूरी – एसएसपी श्री सिंह
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा की मजबूती में सिविल
सोसायटी की जागरूकता व योगदान जरूरी है। आंतरिक सुरक्षा की मजबूती देश की सीमा पर तैनात
जवानों का मनोबल बढ़ाती है। इसलिए सिविल सोसायटी नागरिक सुरक्षा में सहयोग के लिये आगे आए।

उन्होंने कहा कि यदि कहीं आंतरिक सुरक्षा को क्षति पहुँचाने के लिये राष्ट्र विरोधी गतिविधियां दिखाई दें
तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस व जिला प्रशासन को दी जाए।

आपदा मित्र बनकर घायलों की मदद करने के तरीके बताए

एसडीआरएफ के जवानों ने नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण के दौरान स्ट्रेचर बनाने, घायलों को सुरक्षित
रूप से बाहर निकालने के विभिन्न तरीके एवं प्राथमिक चिकित्सा देने की विधियों का व्यवहारिक व जीवंत
प्रदर्शन करके दिखाया। एसडीआरएफ के जवानों ने कहा कि आम नागरिक भी इन विधियों को अपनाकर
आपदा मित्र की भूमिका निभा सकते हैं।

आपदा के समय सीपीआर देकर लोगों का जीवन बचाने की
बारीकियां भी उन्होंने प्रभावी ढंग से समझाईं। साथ ही बताया कि आपदा की स्थिति में दीवारों के किनारे,
टेबल इत्यादि के नीचे सहारा लें। यदि सड़क से जा रहे हों तो पुलों इत्यादि के नीचे वाहन रोककर खड़े हो
जाएं।
रासायनिक हमला होने पर मुँह पर गीला कपड़ा बाँधें और हवा की विपरीत दिशा से निकलें
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि कहीं रासायनिक एवं जैविक हमला हुआ हो तो मुँह पर गीला
रूमाल या कपड़ा बांधकर हवा के विपरीत दिशा से निकलना चाहिए।

इसके बाद सुरक्षित स्थान पर पहुँचकर
साबुन लगाकर अच्छी तरह मुँह-हाथ धोकर नहा लेना चाहिए। मुल्तानी मिट्टी व राख से हाथ व शरीर की
सफाई भी अत्यंत कारगर रहती है।

ब्लैक आउट का सायरन बजने पर घरों की बत्तियाँ बंद कर पर्दे डाल दें

प्रशिक्षण के दौरान खासतौर पर बताया गया कि ब्लैक आउट का सायरन बजते ही घरों की बत्तियाँ
बंद कर दें। साथ ही दरवाजों व खिड़कियों के पर्दे डाल दें। प्रयास ऐसे हों कि जरा सी भी रोशनी घर के
बाहर नहीं दिखनी चाहिए।

जिले में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध

कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी कि जिले में वर्तमान
परिस्थिति को ध्यान में रखकर राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत ड्रोन उड़ाने पर पूर्णत: प्रतिबंध
लगाया गया है। इसलिये कोई भी ड्रोन न उड़ाए अन्यथा कार्रवाई की जायेगी। विशेष परिस्थिति में पुलिस
के माध्यम से विधिवत अनुमति लेनी होगी। बगैर अनुमति के कदापि ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकेंगे।

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