अचलेश्वर सरकार हैं ,जो कोई पूजे सच्चे दिल से उसका बेड़ा पार है…
जिसकी संतान सुयोग्य होती है वो सबसे बड़ा धनवान: कौशिक महाराज
*बेटी परहित में पूरा जीवन लगा देती है,इसलिए बेटी को खूब प्यार करो
*शिवलोक फूलबाग में शिवमहापुराण कथा में उमड़ रही है श्रोताओं की भीड़
ग्वालियर – जीवन में सबसे बड़ा सुख संतान सुख होता है, जिसकी संतान सुयोग्य होती है, वो व्यक्ति सबसे बड़ा धनवान होता है, इसलिए बचपन से ही अपने बच्चों को संस्कारित करें। यह विचार शिवलोक धाम फूलबाग में आयोजित हो रही शिवमहापुराण कथा के छंठवे दिन मंगलवार को व्यक्त किए। कथा संयोजक एवं विधायक डॉ .सतीश सिकरवार ने आरंभ में व्यासपीठ का पूजन कर आरती की । कथा में श्रोताओं की खूब भीड़ आ रही है। इस मौके पर उन्होंने अचलेश्वर सरकार हैं, महादेव का द्वार हैं, जो कोई पूजे सच्चे दिल से, उसका बेड़ा पार है…भजन सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर
दिया। इस मौके पर अहिवरन सिंह कुटा पहलवान एवं वीर सिंह यादव सरपंच ने गौसेवा के लिए 51-51 हजार की सहयोग राशि तुलसी तपोवन गौशाला को दान की,वहीं सुरेश चंद्र कस्तवार लोहिया बाजार ने 21 हजार रुपए की राशि दान की। उन्होंने बताया कि पूजा का दर्शन भी प्रभावकारी होता है, जिस तरह बुरा सुनने, देखने व बोलने से पाप बढ़ता है, उसी तरह अच्छा सुनने व देखने से पुण्य
बढ़ता है। उन्होंने कहा कि सुबह उठकर माता-पिता और गाय के दर्शन करना शुभ होता है। खाली बर्तन, बिना तिलक का ब्राह्मण, कान फड़फ़ड़ता स्वान, बिलखती हुई नारी, लड़ते हुए परिवार को
देखना भी अशुभ होता है। सुबह उठकर सबसे पहले भगवत दर्शन करें। बैडरूम में नारायण के चरण दबाती हुई लक्ष्मीनारायण का चित्र, ड्राइंग रूम में सुदामा के चरण धोते हुए श्रीकृष्ण का चित्र लगाएं। उन्होंने बताया कि जो महाशिवरात्रि को चार प्रहर की पूजा कर लेता है, उसे वर्षभर की पूजा का फल मिल जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम भाव कुभाव कैसे भी लिया जाए, कल्याण ही करता
है। मंदिर बनवाने से अधिक पुण्य टूटे-फूटे मंदिरों के जीर्णोद्वार और वहां ज्योति जलाने से मिलता है। उन्होंने बताया कि भोजन के बाद वज्रासन जरूर करें, इससे भोजन सुपाच्य हो जाता है। कमर के
बगल के चरवी घटाने के लिए त्रिकोणासन करना चाहिए। नियमित प्राणायाम करने से बिना मेकअप किए ही शरीर सुंदर लगता है। श्याम बाबा की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि बर्बरीक को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दीक्षा दी और वे खाटू श्याम बने। कुबेर के कोषाध्याक्ष खाटू श्याम बाबा के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं आता है, वे सबकी झोली भर देते हैं। उन्होंने बताया कि कैलाश
मानसरोवर सबसे बड़ा तीर्थ है। मानसरोवर यात्रा करने के बाद धरती के सारे तीर्थों का पुण्य हासिल हो जाता है। भाईदूज को बहिन के घर भोजन से नहीं होती अकाल मौत…. उन्होंने बताया कि भाईदूज के दिन बहिन के घर भोजन करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है, क्योंकि इसी दिन यमराज ने अपनी बहिन यमुना के घर भोजन किया था।
*जब श्रद्धालुओं की आंखे हुई नम ओर बहने लगे आसूं
कथा पंडाल श्रोताओं से खचाखच भरा हुआ था और प्रसंग चल रहा था बेटा ,बेटी का । कौशिक महाराज ने कहा कि बेटा और बेटी में के साथ पक्षपात नहीं करना चाहिए। बेटी दो कुल का नाम रोशन करती है उन्होंने कहा कि पिता के घर से बेटी की डोली उतना चाहिए ,अर्थी नहीं उठना चाहिए । अर्थी उठना अशुभ होता है। बेटी घर की शान होती है। बेटी पहले घर में मां का डांट खाती है,फिर पति और मां के रूप में बच्चों की। फिर भी वह घर को स्वर्ग बनाने में लगी रहती हैं। कथा में इस दौरान माहौल एकदम शांत हो गया ।श्रोताओं की आंखे नम थी और हजारों श्रद्धालु अपनी आंखों के आंसू नहीं
रोक पाए । राजा जनक और सीता माता का जिक्र करते हुए कौशिक जी महाराज ने कहा कि सीता जी ने त्याग ओर वह तपस्या की जिससे दोनों किलों का नाम रोशन हुआ। इसलिए हमेशा बेटी से खूब प्यार करो । बेटे की तरह ही बेटी के साथ व्यवहार करो क्योंकि बेटी परहित में अपना पूरा जीवन लगा देती है। धरती की सुंदरता बेटी से है।
इस मौके पर पूर्व पार्षद पुरूषोत्तम भार्गव, कथा परीक्षत नरेंद्र सरिता शर्मा, शशि मनोज शर्मा, चंद्रकांता उप्पल, उमेश उप्पल, रामबाबू अग्रवाल, अवधेश कौरव सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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