दिन के दस बज रहे हैं. सभी नौजवान पसीने से लथपथ हैं. कोई सब्ज़ी काट रहा है तो कोई कपड़े धो रहा है. कुछ कैरमबोर्ड खेल रहे हैं.

कमर से ऊपर सब बिना कपड़े के हैं. उमस वाली बेइंतहा गर्मी है. पास में पहाड़ है. पहाड़ एकदम हरा है और ऊपर काले-सफ़ेद बादल. नेपाल के लुंबिनी प्रदेश की राजधानी बुटवल में गोरखा स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर कुछ इसी परिवेश में समाया दिख रहा है.

ट्रेनर रमेश थापा के पिता ब्रिटिश आर्मी में थे. चार साल पहले उनकी मौत हो गई थी. उनकी माँ लंदन में ही रहती हैं.

रमेश थापा बुटवल में नेपाली गोरखाओं को ब्रिटिश और भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी करवाते हैं.

रमेश थापा ने भी सेना में भर्ती होने की कोशिश की थी लेकिन वह नाकाम रहे थे. ब्रिटेन और भारत की आर्मी में नेपाली गोरखा 1947 में हुई त्रिपक्षीय संधि के तहत भर्ती होते हैं.

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