Bhopal News: लोक अदालत में छूट के बावजूद लोगों ने नगर निगम में नहीं जमा किए 200 करोड़ रुपये

भोपाल, वित्तीय वर्ष 2021-22 को समाप्त हुए पांच महीने से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन अभी निगम अमला पुराने वित्तीय वर्ष के लक्ष्‍य के हिसाब से शत प्रतिशत वसूली नहीं कर पाया है। करीब 200 करोड़ रुपये संपत्तिकर और जलकर समेत अन्य करों के मद में अब भी बकाया है। नगर निगम में पुराने वित्तीय वर्ष की केवल 70 फीसदी राजस्व वसूली हो पाई है। अब निगम अधिकारी इन बकायादारों के नाम सार्वजनिक करने के साथ संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रहे हैं।

बता दें कि बीते वित्तीय वर्ष में निगम को 700 करोड़ रुपये के कर राजस्व की वसूली करनी थी। लेकिन अब तक 500 करोड़ रुपये की वसूली हो पाई है। 200 करोड़ रुपये अभी और वसूलना बाकी है। अधिकांश जोन में वसूली पिछड़ी हुई है। जबकि पुराना वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद तीन बार लोक अदालत का आयोजन किया जा चुका है। इसके अलावा भी 31 अगस्त तक लोक अदालत के अनुसार बकायादारों को छूट दी जा रही है। इस मामले में अधिकारियों का तर्क है कि हर साल महंगाई बढ़ती है। उसी तरह जीआइएस सर्वे और अन्य खातों के बढ़ने के कारण यह लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा दस फीसदी टैक्स भी इस बार बढ़ाया गया है। ऐसे में लक्ष्य का 10 फीसदी टैक्स कम हो गया है, यानी जोनल अधिकारियों को 23 फीसदी तक टैक्स कलेक्शन बढ़ाने पर काम करना था। लेकिन यह भी नहीं हो पाया।

जोनल अधिकारियों की लापरवाही आई सामने
निगम के 19 जोन में से तीन जोन को छोड़कर शेष सभी जोन राजस्व वसूली में पीछे हैं। जिस जोन की स्थिति बेहतर है, उनमें जोन क्रमांक सात, आठ और नौ शामिल है। इसके अलावा सभी जोन 40 से 50 फीसदी ही कलेक्शन कर पाए हैं। निगमायुक्त की समीक्षा बैठक में अधिकांश जोनल अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। वार्ड में जमा होने वाली रसीदों और टैक्स को ही अधिकांश जोनल अधिकारियों ने अपनी उपलब्धि समझा। जबकि इस बीच बड़े बकायादारों पर कुर्की की कार्रवाई भी प्रस्तावित थी। लेकिन जोनल अधिकारियों ने इसमें लापरवाही दिखाई।
कोर्ट के स्टे से रुकी 90 करोड़ रुपये की वसूली
जानकरी के मुताबिक निगम का करीब 90 करोड़ राजस्व तो सिर्फ इसलिए वसूला नहीं जा रहा, क्योकि इन मामलों में कोर्ट से लोगों को स्टे मिला हुआ है। निगम के विधि विभाग की टीम कोर्ट में स्टे हटवाने में सफल नहीं हो पा रही है। इससे निगम को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, बल्कि अपने दैनिक खर्चे चलाने के लिए बैंकों से भी कर्ज लेना पड़ रहा है।
रसूखदारों पर नहीं हो रही कुर्की की कार्रवाई
निजी कंपनियों की बात करें तो दो संस्थाओं पर ही निगम का करीब 44 करोड़ रुपये राजस्व बकाया है। इनमें जोन सात में आने वाला शापिंग माल गैमन इंडिया है, इस पर करीब 17 करोड़ रुपये निगम के बकाया हैं। जबकि जोन 9 में अरेरा हिल्स स्थित शहर के एक बड़े शापिंग माल से ही 27 करोड़ रुपये लेना है। लेकिन रसूख व राजनीति के फेर में निगम अधिकारी इनसे वसूली नहीं कर पा रहे हैं।
जो लोग नगर निगम का संपत्तिकर, जलकर व समेकित सहित अन्य कर नहीं जमा कर रहे हैं। उन्हें 31 अगस्त तक का समय दिया गया। अधिभार में छूट के साथ पैसा जमा किया जा सकता है। इसके बावजूद यदि लोग बकाया राशि नहीं जमा करते तो उनके खिलाफ कुर्की समेत अन्य वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
-पवन सिंह, अपर आयुक्त नगर निगम भोपाल

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