RDVV Jabalpur : मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय जहां जिम इंस्ट्रक्टर बनने की हो रही पढ़ाई

जिम में होने वाली दुर्घटनाओं की मूल वजह अप्रशिक्षित प्रशिक्षण होना, सालभर का डिप्लोमा कोर्स में विवि बता रहा तौर-तरीके

जबलपुर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का पहला संस्थान है, जहां जिम इंस्ट्रक्टर के लिए डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू हुआ है। ये कोर्स उन युवाओं के लिए फायदेमंद है, जो जिम में प्रशिक्षक की भूमिका अदा करते हैं। उन्हें एक साल की डिप्लोमा में जिम से जुड़ी बारीकियों के बारे में बताया जाता है। कोर्स के प्रति रूझान भी युवाओं में खूब है पहले ही साल इसमें 25 से ज्यादा युवा दाखिला ले चुके हैं। विश्वविद्यालय द्वारा 31 अगस्त तक प्रवेश दिया जा रहा है।

शारीरिक शिक्षण विभाग में यह कोर्स प्रारंभ हुआ है। विभाग प्रमुख प्रो. विशाल बन्नो ने बताया कि जिम में अलग-अलग उम्र के लोग पहुंचते हैं। जहां जिम के ट्रेनर को उनकी अवस्था, शारीरिक बनावट और बीमारी को ध्यान में रखकर जिम करवाना चाहिए। आमतौर पर जिम के ट्रेनर इन बातों की अनदेखी करते हुए रूटीन व्यायाम ही सभी के लिए करवाते हैं जिससे दुर्घटना होने की संभावना होती है। अच्छा प्रशिक्षण खाने-पीने की सलाह भी उसी हिसाब से अलग-अलग देता है। डिप्लोमा इन जिम इंस्ट्रक्टर में इन्हीं सभी बातों की जानकारी दी जाती है। ये पाठ्यक्रम पहली दफा सिर्फ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में ही प्रारंभ हुआ है। इसके लिए न्यूनतम आर्हता 12वीं पास रखी है। एक साल का शुल्क 15 हजार रुपये तय हुआ है। उनके अनुसार प्रवेश के लिए आवेदक की शारीरिक फिटनेस का आकलन किया जाता है। इसके टेस्ट के आधार पर ही मेरिट बेस पर प्रवेश दिया जाता है। फिलहाल पाठ्यक्रम में 30 सीट तय है।

पीजी डिप्लोमा इन फिटनेस मैनेजमेंट-

शारीरिक शिक्षण विभाग में इसके अलावा पीजी डिप्लोमा इन फिटनेस मैनेजमेंट पाठ्यक्रम भी शुरू हुआ है। जिसमें प्रवेश के लिए किसी भी संकाय में स्नातक होना आवश्यक है। एक वर्षीय पाठ्यक्रम की फीस 15 हजार रुपये तथा 30 सीट निर्धारित है। इसके अलावा एमए स्पोर्टस साइकोलाजी और सर्टिफिकेट आफ कोचिंग एथलेटिक्स का पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया है।

बढ़ रही है जिम की मांग-

जिम जाकर सेहत बनाने का चलन युवाओं में बढ़ गया है। वे विशेषज्ञों की निगरानी में जिम करना पसंद कर रहे हैं। प्रो.विशाल बन्नो ने बताया कि जबलपुर में ही 70 से ज्यादा जिम खुल चुके हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ेगी। इन जिमों में अच्छे ट्रेनर नहीं है सिर्फ बाडी बनाएं हुए युवक-युवती ही जिम ट्रेनर बन रहे हैं जबकि जिम अलग-अलग लोगों के हिसाब से कराया जाना चाहिए। उनका डाइट भी उसी के आधार पर तय हेाता है। इस संबंध में व्यापक पढ़ाई और व्यावहारिक ज्ञान लेकर ही अच्छे ट्रेनर बन सकते हैं। कोर्स करने के बाद युवाओं को जिम में बेहतर रोजगार भी उपलब्ध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *