ग्वालियर किले की नक्काशी देख हुए मुरीद, यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं
ग्वालियर किला सहित जयविलास पैसेल का भ्रमण किया। टीम के सदस्य किले की नक्काशी व अतुलनीय वास्तुशिल्प देखकर अचंभित रह गए।
इंटरनेशनल सेंटर फार रिस्पांसिबल टूरिज्म टीम ने किया शहर के पर्यटन स्थलों का दौरा
– यूके, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका व फ्रांस के दल शहर में वास्तुशिल्प देखकर हुए अचंभित
यूके, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका व फ्रांस सहित विभिन्ना देशों के प्रतिनिधियों की टीम ग्वालियर आई है। इंटरनेशनल सेंटर फार रिस्पांसिबल टूरिज्म की इस टीम ने बुधवार को शहर के पर्यटन स्थलों का दौरा किया। उन्होंने ग्वालियर किला सहित जयविलास पैसेल का भ्रमण किया। टीम के सदस्य किले की नक्काशी व अतुलनीय वास्तुशिल्प देखकर अचंभित रह गए। उन्होंने ग्वालियर में पर्यटन की अपार संभावनाएं बताईं। ग्वालियर की ऐतिहासिक इमारतों को देखने के बाद दल मितावली, पढ़ावली, बटेश्वर पहुंची। यहां होम स्टे की स्थिति देखी और इन्हें ई फ्रेंडली बनाने की सलाह दी।
यह टीम ग्वालियर सहित अंचल में महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन की संभावनाओं की तलाश कर रही है। स्थानीय संस्कृति को समझने के बाद पर्यटन की संभावनाओं की तलाश कर रही है। टीम ने बुधवार को ग्रामस्टे, स्थानीय भ्रमण, पारंपरिक व्यंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अनुभव किया। स्टे होम में खाना खाया और किले पर सहस्त्र बाहु मंदिर का भ्रमण किया है, राजा मान सिंह पैसेल भी देखा। इन दोनों एतिहासिक इमारतों की नक्शासी को देखकर खुश हुए। इन्हें कैसे बनाया गया, उसको लेकर चर्चा की। टीम गुरुवार को ओरछा और आसपास के गांवों (राधापुर और लाडपुराखास) का भ्रमण करेगी।
मंदिरों की महत्वता जानी
पुरातत्व विशेषज्ञ केके मोहम्मद ने विदेशी मेहमानों को शहर व अंचल के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया। उन्होंने मितावली व पढ़ावली की विशेषताओं के बारे में बताया। साथ ही बटेश्वर के संरक्षण कार्य, उसकी मुश्किलें रुकावटें की जानकारी दी। स्थानीय लोगों से बात करके और उनकी सहायता से संरक्षण का कार्य पूर्ण किया। भ्रमण के दौरान टीम ने ग्रामीण पर्यटन के लिए हितग्राहियों द्वारा तैयार किए जा रहे होमस्टे इकाइयों में उपयोग की जाने वाली तकनीकों और काम पर चर्चा की। साथ ही होम स्टे की दिशा में हो रहे प्रयासों को सराहा। गांवों के सरपंचों एवं जनप्रतिनिधियों ने अतिथियों का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया।