Indore Airport : चार साल के इंतजार के बाद इंदौर एयरपोर्ट को मिली 20 एकड़ जमीन
Indore Airport : मुख्यमंत्री ने खुद एयरपोर्ट प्रबंधन को सौंपा जमीन का पत्र। हाथों हाथ मुख्यालय से मांगी काम शुरू करने की अनुमति
Indore Airport : इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उषा राजे ट्रस्ट से सुप्रीम कोर्ट में जीती गई 20.4 एकड़ जमीन चार साल के लंबे इंतजार के बाद देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रबंधन को मिल गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद प्रबंधन को इसका पत्र सौंपा है। अब प्रबंधन ने अपने मुख्यालय को यह पत्र भेज काम शुरू करने की अनुमति मांगी है। हालांकि इस बात की उम्मीद कम ही है कि यहां पर पूर्व में प्रस्तावित एयरोसिटी का काम अब शुरू हो। चापड़ा में प्रस्तावित बड़े एयरपोर्ट के कारण एयरपोर्ट अथारटी आफ इंडिया इंदौर एयरपोर्ट पर बड़ा निवेश नहीं करेगा।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने उषा राजे ट्रस्ट से यह जमीन जीती थी, जिसे एयरपोर्ट प्रबंधन ने मांग लिया था। पिछले कार्यकाल की अंतिम केबिनेट बैठक में शिवराज सरकार ने इस जमीन को प्रबंधन को देने का निर्णय दिया था, लेकिन जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया था। वन विभाग की एनओसी मिलने के बाद भी जमीन पर कब्जा इसलिए नहीं मिल रहा था कि सुपर कारिडोर एक्सटेंशन के निर्माणाधीन होने से धार रोड जाने वाले वाहनों के लिए रास्ता नहीं था। आखिर कार सभी दिक्कतें दूर होने के पत्र मिल गया है। एयरपोर्ट निदेशक के अनुसार हमें जमीन का पत्र मिल गया है। इसे शुक्रवार शाम को ही दिल्ली स्थित मुख्यालय भेज दिया गया है। वहां से काम करने की अनुमति मांगी गई है। वहां से निर्देश मिलेगा वैसा काम किया जाएगा।
यह हो सकता है आगे
सूत्रों ने बताया कि जमीन मिलने के बाद भी प्रबंधन यहां पर ज्यादा काम नहीं करवाएगा। सबसे पहले प्रबंधन बिजासन के नीचे से जाने वाला रास्ता बंद कर देगा। यहां की जमीन को कब्जा कर एयरपोर्ट से बाहर आने का रास्ता बना दिया जाएगा, जिससे पीक आवर्स में यहां पर जाम नहीं लगेगा। केवल जमीन को अपने कब्जे में लेगा और बांउड्रीवाल बना लेगा। वहीं एयरपोर्ट पर आने वाले वाहनों की निकासी के लिए नया गेट बनाया जाएगा।
एक हजार करोड़ का फंड हुआ वापस
जानकारी के अनुसार, प्रबंधन को यहां पर जमीन मिलने पर यहां नया टर्मिनल भवन, कन्वेंशन सेंटर, प्रशासनिक भवन, होटल, बनाने की योजना थी। इसके लिए एक हजार करोड़ का फंड भी मिला था। लेकिन बाद में एएआइ ने यह फंड वापस ले लिया था। इधर केन्द्र द्वारा अगले चरण में जिन एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। उसमें इंदौर एयरपोर्ट का भी नाम है। इसलिए एएआइ यहां पर निवेश नहीं करेगा। इसके अलावा चापड़ा में बन रहे देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के कारण भी एएआइ यहां पर ज्यादा निवेश नहीं करेगा।