बिना अनुमति निगम, हाउसिंग बोर्ड, आरडीए रोज बोर से निकाल रहे 4 करोड़ लीटर पानी, फ्लो-पीजो मीटर भी नहीं

आंकड़ों के अनुसार रायपुर जिले में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग बिना अनुमति के भूजल का दोहन कर रहे हैं।

रायपुर शहर में अवैध रूप से भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने दो वर्ष पहले आदेश जारी कर सभी निकायों, उद्योगों, अस्पतालों, निजी स्कूलों को बोर का पानी उपयोग में लाने से पूर्व एनओसी लेने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन एनओसी नहीं ली जा रही है। इनमें निगम, आरडीए और हाउसिंग बोर्ड भी शामिल हैं। इनके द्वारा बोरवेल से रोजाना चार करोड़ लीटर से ज्यादा पानी का दोहन किया जा रहा है।

इतना ही नहीं, न तो यहां फ्लो मीटर लगाया गया है, जिससे पानी की मात्रा की आनलाइन रिकार्डिंग की जा सके और न ही पीजो मीटर लगाया गया है, जिससे ग्राउंड वाटर की मात्रा जांची जा सके। इस मामले में उद्योगपति, निजी बिल्डर भी पीछे नहीं हैं।

आंकड़ों के अनुसार रायपुर जिले में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग बिना अनुमति के भूजल का दोहन कर रहे हैं। भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी निरंतर जांच कर रहे हैं और कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है। इसके बावजूद सरकारी एजेंसियां दिलचस्पी नहीं दिखा ही हैं। भूजल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

एक से 160 रुपये प्रति घन मीटर प्रतिदिन शुल्क

 

केंद्रीय भूजल बोर्ड के निर्देशानुसार बोर से पानी का दोहन करने पर एक से 160 रुपये तक प्रतिदिन शुल्क तय किया गया है। उद्योगों, इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों, निकायों को उक्त शुल्क एनओसी के दौरान चुकाना होता है। शुल्क से बचने के लिए एनओसी नहीं ली जा रही है।

 

पीजो और फ्लो मीटर अनिवार्य

एनओसी लेने के लिए पीजो मीटर और फ्लो मीटर लगाना अनिवार्य है। पीजो मीटर की सहायता से भूजल की मात्रा आंकी जाती है और फ्लो मीटर की सहायता से रोज निकलने वाले पानी की रीडिंग जांची जाती है। इसका रिकार्ड आनलाइन अपडेट होता है। इसकी सहायता से अनुमति से अधिक पानी निकालने पर जुर्माना लगाया जाता है।

 

 

 

25 हजार रुपये से एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान

एनओसी नहीं लेने वालों की जांच निरंतर की जा रही है। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार अब तक दो हजार से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किया गया है। इसकी अवमानना करने पर 25 हजार रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना पानी के दोहन पर निर्भर करता है।

 

 

 

घरेलू उपभोक्ताओं और सूक्ष्म उद्योगों को छूट

केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा बनाए गए नियमानुसार घरेलू उपभोक्ताओं, सूक्ष्म उद्योगों को एनओसी लेना अनिवार्य नहीं है। जितने भी उद्योग, अस्पताल, स्कूल, बिल्डर्स, अन्य उद्योगपति हैं, उन्हें एनओसी लेना अनिवार्य है।

 

 

 

एक बोर पर डेढ़ लाख रुपये तक की लगती है पेनाल्टी

 

विशेषज्ञों के अनुसार एक बोर पर एक लाख दस हजार रुपये की पेनाल्टी चुकानी होती है, वहीं 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है। यानी एक लाख 60 हजार रुपये के हिसाब से निगम पर करीब 35 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। हाउसिंग बोर्ड के 150 बोर पर दो करोड़ रुपये और आरडीए के 20 बोर पर 32 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार एक बोर पर एक लाख दस हजार रुपये की पेनाल्टी चुकानी होती है, वहीं 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है। यानी एक लाख 60 हजार रुपये के हिसाब से निगम पर करीब 35 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। हाउसिंग बोर्ड के 150 बोर पर दो करोड़ रुपये और आरडीए के 20 बोर पर 32 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

एक्सपर्ट व्यू

 

भूजल संरक्षण के लिए बनाए गए हैं नियम

 

वरिष्ठ भूजल विज्ञानी के पाणीग्रही ने कहा कि केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा भूजल को बचाने के लिए इस तरह के नियम बनाए गए हैं। एनओसी लेना अनिवार्य है फिर भी लोग पालन नहीं कर रहे हैं। रीजनल टीम द्वारा निरंतर जांच कर कार्रवाई भी की जा रही है, फिर भी लोग भविष्य के लिए जल बचाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

 

 

 

 

 

जानकारी लेता हूं : ढेबर

 

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि मैं पता करवाता हूं, अगर नियम है तो आवेदन करेंगे। इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। अगर दो वर्ष से नियम लागू है तो संभवत: आवेदन हो गया होगा। फिर भी मैं एक बार जानकारी ले लेता हूं कि आवेदन किया है या नहीं। अगर नहीं किया गया होगा तो निश्चित रूप से आवेदन किया जाएगा।

दो हजार से ज्यादा को दिया है नोटिस, एनओसी अनिवार्य

 

केंद्रीय भू-जल बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर प्रबीर नायक ने कहा कि कार्पोरेट, उद्योग, निजी अस्पताल, बिल्डर्स सहित अन्य को मिलाकर दो हजार से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किया गया है। सभी निजी, सरकारी एजेंसियों को एनओसी लेना अनिवार्य है। सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को ही इसमें छूट दी गई है।

फैक्ट फाइल

सरकारी एजेंसियों के बोर और कितना पानी निकल रहा

 

नगर निगम

 

2200 से ज्यादा बोर

 

3 करोड़ 30 लाख लीटर रोज

 

22 टैंकर

 

11 लाख लीटर रोज

 

 

 

आरडीए

 

4 कालोनियां बोर के भरोसे

 

20 से ज्यादा बोर

 

20 लाख लीटर से ज्यादा पानी रोज

 

 

 

हाउसिंग बोर्ड

 

30 से ज्यादा कालोनियां

 

150 से ज्यादा बोर

60 लाख लीटर से ज्यादा पानी रोज

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