Teacher Award : बच्चों को पढ़ाई से जोड़कर रखने की ललक ने अनूपपुर की सरिता को दिलाया राज्य शिक्षक पुरस्कार
बच्चों को बुनियादी शिक्षा की जरूरत होती है इस शिक्षिका सरिता सिंह ने समझा और स्कूल के बच्चों को नए गतिविधियों से अवगत कराया।
अनूपपुर छोटे बच्चों को बुनियादी शिक्षा की जरूरत होती है इस आवश्यकता को शिक्षिका सरिता सिंह ने समझा और स्कूल के बच्चों को नए-नए गतिविधियों से जोड़ना शुरु किया फल स्वरूप बच्चों में पढ़ाई के प्रति ललक जागी और परिणाम यह आया कि सवाल पूछने पर बच्चे बेझिझक जवाब दे देते हैं। स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ बस्ती मोहल्ले में ऐसे बच्चे जो किन्ही कारणों से अपनी पढ़ाई को छोड़ने के लिए मजबूर हुए उन्हें फिर से शिक्षा की राह दिखाई। लोगों के घर -घर जाकर बच्चों को पढ़ाने के प्रति जागरूक करने का कार्य शिक्षिका सरिता ने अपने शिक्षकीय दायित्व को पूरा करते हुए किया। शिक्षिका श्रीमती सरिता सिंह की शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार को लेकर राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। सरिता सिंह आज भोपाल में राज्यपाल के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए जा रहे उत्कृष्ट योगदान पर अनूपपुर जिले से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त करेंगी।
जिला मुख्यालय अनूपपुर के शासकीय प्राथमिक बालक विद्यालय बस्ती के शिक्षिका श्रीमती सरिता सिंह विद्यालय में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को पढ़ाती हैं। पुरस्कार के लिए आवेदन करने पर जिले में गठित पुरस्कार चयन समिति टीम ने कक्षा के बच्चों से जब पाठ्यक्रम के अलावा अन्य विषयों पर सवाल पूछे तो उन्हें बच्चों ने धारा प्रवाह बताया जो टीम के सदस्यों को काफी प्रभावित भी किया। शिक्षिका सरिता सिंह द्वारा स्कूल में छोटे बच्चों को कहानी, कविता, चित्र,वीडियो के माध्यम से बुनियादी रुप से साक्षर करने का प्रयास किया जाता है। शिक्षिका ने टी एल एल एम के माध्यम से अध्यापन कार्य को और सरल तथा आकर्षक बनाने के लिए बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने के लिए रंगोली और खेल के माध्यम से नवाचार का प्रयोग किया जो सफल रहा।
मुख्य रूप से बच्चे जिस स्वरूप में पढ़ाई करना चाहा उसी ढंग से उन्हें पढ़ाया गया। जैसे की रेत में कंकड़ के द्वारा या फिर उंगली चलाकर स्वर व्यंजन की जानकारी दी गई। स्थिति यह हो गई थी कि जो बच्चे पढ़ाई से भागते थे उन्हें पढ़ाया हुआ सब स्मरण रहता। शिक्षिका सरिता ने स्कूल के अलावा भी अपने दायित्वों का निर्वहन किया घर घर जाकर बस्ती में बच्चों को पढ़ाई कराने जागरुक किया गया। इसी तरह जो बच्चे शाला त्यागी थे उन्हें फिर से स्कूल में दाखिल कराया करीब 11 ऐसे बच्चे उनके वार्ड बस्ती क्षेत्र में थे जिसके लिए उन्होंने निरंतर अपना प्रयास जारी रखा। शिक्षिका सरिता के इन्हीं नवा चारों ने उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना है। शिक्षिका सरिता सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के समय बच्चे पढ़ाई से विमुख होते जा रहे थे तब उन्होंने विभिन्ना गतिविधियां उन्हें पढ़ाई के साथ जोड़कर रखने के लिए अपनाई जो सफल रही।पुरस्कार के बाद वह अपने इस अभियान को और आगे विस्तार देंगे जिससे कि बच्चों को सरलतम तरीके से बुनियादी शिक्षा ग्रहण करने में सहूलियत हो।