लगातार वर्षा से मालवा-निमाड़ अंचल में सोयाबीन फसल की सेहत बिगड़ी

सोयाबीन में अफलन, किसान चला रहे रोटावेटर। मालवा-निमाड़ में कहीं सर्वे हो रहा तो कहीं नहीं।

इंदौर अंचल में लगातार हुई वर्षा से सोयाबीन फसल की सेहत बिगड़ गई है। प्रशासन नुकसानी का कहीं सर्वे करा रहा है और कहीं नहीं। खंडवा में अफलन की स्थिति के चलते किसानों ने खड़ी फसल पर रोटावेटर चलाना शुरू कर दिया है।

खंडवा और पंधाना ब्लाक के गांवों में सोयाबीन में अफलन की स्थिति बनी है। गांव अहमदपुर खैगांव के किसान रमेश ने बताया कि पांच एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी लेकिन अफलन के कारण मेहनत और लागत बेकार गई। शासन से कई बार सर्वे की मांग की लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

प्याज की बुआई करना था, इसलिए डेढ़ एकड़ खेत में रोटावेटर चलाकर फसल हटानी पड़ी। जिले में 201.609 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष सुभाष पटेल ने बताया कि करीब 30 फीसद फसल को नुकसान पहुंचा है। कृषि उप संचालक केसी वास्केल का कहना है कि अभी नुकसानी का आकलन नहीं किया जा सकता है। सर्वे के आदेश नहीं हुए हैं। हालांकि कृषि वैज्ञानिकों को भेजकर पता लगाएंगे कि सोयाबीन में अफलन की वजह क्या है?

धार में प्रभारी मंत्री को ज्ञापन सौंपा

धार जिले के बदनावर, धार, सरदारपुर और तिरला विकासखंड के करीब 40 गांवों में फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। करीब 400 हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुई हैं। मुख्य रूप से सोयाबीन में अफलन और बढ़वार की स्थिति चिंताजनक हुई है। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को जिले के प्रभारी मंत्री डा. प्रभु राम चौधरी को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जहां वर्षा से फसल प्रभावित हुई है, वहां सर्वे करवाया जाए। सर्वे नहीं किया जाता है तो आंदोलन किया जाएगा। कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मोहनिया ने बताया कि जहां पर नुकसानी हुई हैं वहां पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

रतलाम में 1800 से अधिक हेक्टेयर में फसल प्रभावित

रतलाम जिले में वर्षा और पीला मोजेक वायरस से खरीफ फसलों में काफी नुकसान पहुंचा है। सहायक संचालक कृषि भीका वास्के ने बताया कि जिले में सोयाबीन फसल का रकबा 254275 हेक्टेयर है। एक सप्ताह से सर्वे किया जा रहा है। अब तक 121 गांवों में 1800 हेक्टेयर से अधिक में फसल प्रभावित हो चुकी है। नुकसानी का वास्तविक आंकड़ा सर्वे पूर्ण होने के बाद पता चल जाएगा। किसान जीवनलाल का कहना है कि मुआवजा व बीमा राशि कब मिलेगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है।

उज्जैन में 10 फीसद तक नुकसानी

उज्जैन जिले में करीब पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी की गई है। लगातार वर्षा से आंशिक नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार निचली जमीनों में पानी भर जाने से पांच से 10 फीसद क्षेत्र में अफलन की स्थिति बन सकती है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि विभाग की टीम सतत ग्रामीण क्षेत्र में दौरे कर किसानों को येलो मोजक व वायरस से बचाव के तरीक़े बता रही है।

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