Bhopal News: अब स्याही से छपे पेपर में खाद्य व्यंजन देने पर रोक, प्रशासन लेगा शपथ पत्र
ईट राइट चैलेंज-2 के अंतर्गत कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जारी किए निर्देश!
भोपाल, शहर में अब स्याही से छपे पेपर में खाद्य व्यंजन देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा। अब तक शहर में समोसा, कचोड़ी, पोहा, जलेबी सहित अन्य खाद्य पदार्थ स्याही से छपे पेपर जैसे अखबारी कागज में परोसे जाते रहे हैं। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसी को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने स्याही से छपे सभी तरह के पेपर, मैगजीन, किताब आदि में भोजन-नाश्ता व अन्य खाद्य पदार्थ देने पर रोक लगा दी है। दरअसल यह निर्देश उन्होंने ‘ईट राइट चैलेंज-2’ के तहत दिए हैं।
बता दें कि ईट राइट चैलेंज-1 में भोपाल देश में दूसरे स्थान पर आया था। इसके तहत जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने लोगों को खान-पान के प्रति जागरूक करने के लिए कई तरह के नवाचार किए थे।
नगर निगम की मदद से चलाया जाएगा अभियान
शहर में ‘ईट राइट चैलेंज-2’ के तहत स्याही से छपे पेपर में खाना देने पर बोलो ना-ना नाम से अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग नगर निगम अमले के सहयोग से चलाएगा। इसकी शुरूआत में ठेले, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे में जहां भी भोजन, नाश्ता स्याही से छपे पेपर में दिया जाएगा तो वहां पर टीम द्वारा पहुंचकर रोका जाएगा। इसके साथ ही होटल- खोमचों में उक्त अभियान संबंधी पोस्टर-पंपलेट लगाए जाएंगे। वहीं संचालक से एक शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह आगे से स्याही से छपे पेपर में खाद्य सामग्री नहीं परोसेगा।
इनका उपयोग करने के लिए किया जाएगा प्रेरित
स्याही से छपे पेपर की बजाय पत्ते से बने दोने, बिना स्याही वाले पेपर, प्लेट आदि में भोजन और नाश्ता परसने के लिए होटल, ढाबा एवं अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को जागरूक किया जाएगा। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि स्याही वाले पेपर में खाद्य सामग्री देने पर ग्राहक के स्वास्थ्य का कितना नुकसान है। इसके अलावा उनको यह भी सलाह दी जाएगी कि वह खाद्य सामग्री को रखने के लिए भी इसका उपयोग न करें।
शिक्षण संस्थानों में लगाई जाएंगी शिकायत पेटी
शहर के सभी शासकीय और अशासकीय होस्टल के मेस में भी विशेष अभियान चलाया जाएगा। छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इनमें एक शिकायत पेटी लगाई जाएगी और कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के नंबर की सूची भी चस्पा की जाएगी। छात्रों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। जिससे वह बिना किसी डर के होस्टल में मिलने वाले भोजन- नाश्ते के बारे में लिखित
जिले में ईट राइट चैलेंज-2 के तहत नवाचार किए जाएंगे। सबसे पहले स्याही से छपे पेपर, मैगजीन, किताब आदि में परोसे जाने वाले भोजन- नाश्ता पर रोक लगाने अभियान चलाया जाएगा। शुरुआत में शपथ पत्र लेकर संचालकों को समझाइश दी जाएगी। वहीं सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों को कैसा भोजन और नाश्ता मिल रहा है। इसकी जानकारी लेने के लिए शिकायत पेटी लगाई जाएगी और अधिकारियों के नंबर दिए जाएंगे।