आयुष्मान योजना का लाभ देने में इंदौर के अस्पताल कर रहे गड़बड़, जांच के नाम पर ले रहे पैसा
कलेक्टर कार्यालय में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों के समक्ष उठाया मुद्दा, योजना में शामिल अस्पतालों की जारी होगी सूची, सांसद ने सीएमएचओ से कहा कि अस्पतालों की लापरवाही पर रखें नजर, गड़बड़ी न होने पाए।
आयुष्मान योजना का लाभ देने में इंदौर के कुछ अस्पताल गड़बड़ी कर रहे हैं। जब कोई आयुष्मान कार्डधारी इलाज के लिए जाता है तो अस्पताल में जांच के नाम पर पैसा ले लिया जाता है। ऐसा लगता है कि मरीज से भी पैसा ले लिया जाता है और शासन से भी योजना का पैसा ले लिया जाता है। मरीज को लेकर अस्पताल जाते हैं तो कुछ अस्पताल इलाज न करने के लिए बहाना बनाते हैं कि इस बीमारी में हमारा अस्पताल कवर नहीं है। फिर मरीज के स्वजन दूसरे अस्पतालों में भटकते हैं।
मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सदस्यों ने सांसद शंकर लालवानी और जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया। दिशा के सदस्य जितेंद्र जटिया और भारती पाटीदार ने यह भी कहा कि इंदौर और जिले में कौनसे अस्पताल आयुष्मान योजना में कवर हैं और वे किस बीमारी के इलाज के लिए अधिकृत हैं, इसकी सूची सार्वजनिक की जाना चाहिए। इस पर सांसद लालवानी ने सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या से कहा कि अस्पतालों की लापरवाही को देखा जाए और आयुष्मान योजना में शामिल अस्पतालों की सूची दिशा के सदस्यों के साथ आम जनता के लिए भी सार्वजनिक की जाए।
अस्पतालों की सूची करें सार्वजनिक
जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा ने बताया कि आयुष्मान योजना में शामिल अस्पतालों की बुकलेट तैयार कराई जा रही है। जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि इन अस्पतालों की सूची हर ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय के वार्डों और जोन कार्यालयों में भी सार्वजनिक की जाए। इस पर सभी ने सहमति व्यक्त की। जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय ने कई गरीब और जरूरतमंद लोगों के आयुष्मान कार्ड बंद होने का मामला उठाया। इस पर अधिकारियों ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।