मध्य प्रदेश विधानसभा रोज साढ़े तीन घंटे ज्यादा चलेगी, भोजनावकाश नहीं होगा
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस पर सहमति बनी। कांग्रेस विधायक दल की ओर से मानसून सत्र की अवधि कम होने को लेकर लगातार प्रश्न उठाया गया है।
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मंगलवार से प्रारंभ हुए विधानसभा के मानसून सत्र में अब आगामी बैठकों के दौरान भोजनावकाश नहीं होगा। प्रतिदिन साढ़े तीन घंटे अधिक सदन की कार्यवाही संचालित होगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस पर सहमति बनी। कांग्रेस विधायक दल की ओर से मानसून सत्र की अवधि कम होने को लेकर लगातार प्रश्न उठाया गया है। इसे देखते हुए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि दोपहर में डेढ़ घंटे का भोजनावकाश अब नहीं होगा। सदन की कार्यवाही भी शाम पांच की जगह सात बजे तक चलेगी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद ग्रहण करने पर डा. गोविंद सिंह को सदन की ओर से बधाई दी गई। विधानसभा अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि विधानसभा के संचालन में पूरा सहयोग मिलेगा। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें संसदीय ज्ञान का जानकार बताया। संसदीय कार्यमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारी मित्रता इतनी गाढ़ी है कि कभी-कभी इनके नेता भी ईर्ष्या करने लगते हैं। इस पर लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने चुटकी लेते हुए कहा कि इनकी (डा. मिश्रा) की कामना यही है कि आप अगली बार भी नेता प्रतिपक्ष की बनें।
मध्य प्रदेश में 25 लाख बेरोजगार पंजीकृत
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ने, सरकारी भर्तियों और रोजगार मेलों के जरिए निजी कंपनियों में रोजगार देने के दावे सरकार कर रही है। इसके बाद भी स्थिति खराब है। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 25 लाख 81 हजार है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, मुरैना और रीवा में बरोजगारी का आंकड़ा एक लाख के ऊपर है। यह संख्या 2011 से 2022 के बीच रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत किए गए बेरोजगारों की है। इसी अवधि में रोजगार मेलों के जरिए आठ लाख 25 हजार बेरोजगारों को रोजगार के लिए आफर लेटर दिया गया। यह जानकारी मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे ने दी।
विधानसभा में दी गई स्वामी स्वरूपानंद को श्रद्धांजलि
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। समान आचार संहिता, राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण, गो-सरंक्षण जैसे राष्ट्रवादी विषय शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख संकल्पों के अंग रहे हैं। अगर कोई वंचित उनके पास पहुंचता था तो वे उसकी आवश्यकता की पूर्ति में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। कई चिकित्सालय, विद्यालय, संस्कृत पाठशालाएं और मंदिरों की स्थापना, उनका संचालन करने के साथ कई लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का काम भी उन्होंने किया। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए कही। उन्होंने बताया कि जब वे उनके भौतिक शरीर को अंतिम विदाई देने के लिए परमहंसी आश्रम पहुंचे तो ऐसा लग रहा था कि वह बैंक हैं, ध्यानमग्न हैं, उनके चेहरे पर असीम शांति थी। वे केवल संन्यासी नहीं, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सनातन धर्म की ध्वजा फहराई। धर्म के माध्यम से जनकल्याण की सेवा करने का काम किया। उन्होंने धर्म के प्रति जो मार्गदर्शन और शिक्षा हमें दी, उसका हम अनुसरण करते रहें।