Video: Cheetah in MP: चीता मित्रों से बोले प्रधानमंत्री- नेता या उनके रिश्तेदार आएंगे, मैं भी आऊं तो अंदर मत घुसने देना
पीएम ने कहा नेता आएंगे तो उनके रिश्तेदार या टीवी कैमरा वाले आ जाएंगे और दबाव भी डालेंगे। अफसरों पर भी दबाव डालेंगे। यह आपका काम है कि किसी को भी घुसने मत दो। यदि मैं भी आ जाऊं तो भी घुसने नहीं देना।
चीता मित्रों से प्रधानमंत्री ने मित्र बनकर की बात, हल्केफुल्के मजाकिया अंदाज में पूछा सवाल
शिवपुरी चीतों को बाड़े में छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीता मित्रों से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से पूछा कि आपको पता है कि सबसे पहली मुसीबत क्या आने वाली है। सबसे बड़ी समस्या नेता लोग करेंगे, मेरे जैसे। आपको बताया होगा कि थोड़े दिन चीता को देखने नहीं देना है क्योंकि उन्हें यहां पहले सैटल होने देना है। इसके बाद भी कभी नेता आ जाएंगे तो कभी उनके रिश्तेदार या टीवी कैमरा वाले आ जाएंगे और दबाव भी डालेंगे। अफसरों पर भी दबाव डालेंगे। यह आपका काम है कि आप किसी को भी घुसने मत दो। यदि मैं भी आ जाऊं या मेरे नाम से मेरा कोई रिश्तेदार आए तो भी घुसने मत देना। अभी किसी को प्रवेश नहीं देना है। प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों के साथ बड़ी सहजता के साथ मित्र बनकर ही मुलाकात की और मजाकिया अंदाज में कई बातें उन्हें समझाईं।
सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीता मित्रों से पूछा कि क्या बताया गया है कि क्या काम करना है। इस पर चीत मित्र ने कहा कि हमें चीतों की सुरक्षा करना है। इसके बाद प्रधानमंत्री थोड़े मजाकिया अंदाज में पूछा कि इंसान को पशु से खतरा है या पशु को इंसान से खतरा है। इस पर चीता मित्र बोले कि इंसान से पशु को खतरा है। आपको गांवों में जाकर लोगों को चीते के बारे में बताना है। तेंदुए और चीते के बीच का फर्क समझाना है। अपना एक अनुभव साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री बना था तब वहीं करीब 300 एशियाई शेर थे और इनकी संख्या लगातार घट रही थी। मैंने सोचा ऐसा हुआ तो आने वाले समय में कुछ बचेगा ही नहीं। ऐसे में सोचा कि सरकार सोेचे कि वह शेर को बचा लेगी तो गलती है। यदि शेर को कोई बचाएगा, तो गांववाले ही बचाएंगे। हमने वर्ष 2007 में पहली बार 300 वन्यप्राणी मित्र बनाए। मैंने वहां बेटियों से कहा कि आप शेर के साथ रह सकती हो क्या, उसे बचा सकती हो क्या? वे तैयार हो गईं तो बहुत बड़ी संख्या में स्थानीय बेटियों को वन रक्षक बनाया। आप चीता मित्र हैं, लेकिन सभी वन्य पशु के मित्र हैं और उनकी देखभाल करें।
फोटोग्राफी को बनाएं अपना शौक, मुझे भी भेजें अच्छे फोटो
प्रधानमंत्री को फोटोग्राफी का शौक है और कूनो में चीतों को छोड़ने के बाद भी उन्होंने चीतों के फोटो लिए। उन्होंने चीता मित्रों से कहा कि आपके पास मोबाइल है तो आप भी फोटोग्राफी को अपना शौक बना सकते हो। आप जंगल में घूमेंगे तो कई बार आपको जानवरों की ऐसी हरकत की फोटो मिल जाएगी जो आपकी जिंदगीभर की विरासत होगी। मोदी ने चीता मित्रों से कहा कि जब आप लोग अच्छी तस्वीर लो तो वह मुझे भी भेजना। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में पहली बार ऐसा हो रहा है कि चीतों की वापसी का जश्न 130 करोड़ लोग मना रहे हैं और नाच रहे हैं।