Fraud Case : चार हजार से अधिक मरीजों का इलाज कर शासन को लगाई 12 करोड़ रुपये की चपत
सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा होटल वेगा में आयुष्मान कार्डधारी फर्जी मरीजों को भर्ती कर फर्जीवाड़ा करते हुए शासन को करीब 12 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई है। एसआइटी की टीम लगातार इस फर्जीवाड़े के संबंध में सबूत जुटाने में लगी है।
जबलपुर, सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा होटल वेगा में आयुष्मान कार्डधारी फर्जी मरीजों को भर्ती कर फर्जीवाड़ा करते हुए शासन को करीब 12 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई है। यह राशि अस्पताल संचालक दुहिता पाठक व उसके पति डा.अश्विनी कुमार पाठक द्वारा अब तक करीब चार हजार से अधिक मरीजों के इलाज के नाम पर सरकार से ली गई है। इस बात का खुलासा एसआइटी को भोपाल स्थित आयुष्मान योजना के कार्यालय से मिली जानकारी के बाद हुआ है। पूर्व में पता चला था कि पाठक दंपती ने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा शासन को दो करोड़ से अधिक का चूना लगाया है, लेकिन जब जानकारी निकली तो यह राशि छह गुना तक अधिक बढ़ी पाई गई है।
एक मरीज की आड़ में चार फर्जी मरीजों का इलाज-
बताया जा रहा है कि डा. अश्विनी कुमार पाठक और उसकी पत्नी दुहिता इतने शातिराना अंदाज में इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे, कि इसे पकड़ पाना बेहद मुश्किल था। एसआइटी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि आयुष्मान योजना के कुछ मरीज सही में गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते थे। अस्पताल प्रबंधन द्वारा एक असल बीमार मरीज की आड; में दो से चार आयुष्मान योजना कार्डधारक सामान्य लोगों को मरीज बनाकर अस्पताल में भर्ती होना दिखा दिया जाता था। यह सब जांच में पकड़े जाने से बचने के लिए किया जाता था। आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने और डायलिसिस करवाने वाले मरीजों की भी जानकारी एसआइटी को मिली है। इन मरीजों की आड; में यह पूरा फर्जीवाड़ा संचालित हो रहा था। एसआइटी की टीम लगातार इस फर्जीवाड़े के संबंध में सबूत जुटाने में लगी है।