सीधी के पास गांव में भटक कर पहुंची मादा मगरमच्छ, महिलाओं ने कहा- साक्षात लक्ष्मी आई

महिलाएं संतान की लंबी उम्र के लिए जितिया त्यौहार का निर्जला व्रत रही, मंदिर और घर में पूजा पाठ कर रही थी। शनिवार को व्रत की शुरुआत और रविवार को समापन था। मगरमच्छ को रेस्क्यू कर सीधी जिले के जोगदहा घाट में छोड़ दिया गया है।

सीधी महिलाएं संतान की लंबी उम्र के लिए जितिया त्यौहार का निर्जला व्रत रही,मंदिर और घर में पूजा पाठ कर रही थी। शनिवार को व्रत की शुरुआत और रविवार को समापन था। विधि विधान से पूजा पाठ चल रहा था कि गांव में पहुंच गया। जैसे यह बात महिलाओं को पता चली तो वह यह कहकर दौड़ पड़ी की साक्षात लक्ष्मी आज के दिन गांव में आई है। यह सधााई सिंगरौली जिले के मझगांव की है। इस गांव में उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य प्रदेश के लोग रहते हैं। बता दें सोन घड़ियाल अभ्यारण टीम मौजूद रही। मगरमच्छ को रेस्क्यू कर सीधी जिले के जोगदहा घाट में छोड़ दिया गया है।

रविवार की दोपहर करीब 2 बजे करीब 6 फीट की मादा मगरमच्छ बारिश के दिनों में सोन घड़ियाल सीधी से भटककर सिंगरौली जिले के मझगांव गांव में पहुंच गया। ग्रामीणों ने मगरमच्छ गांव में होने की सूचना वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को दिया। कुछ ही समय पर उप वन मंडलाधिकारी जया पांडे दल बल के साथ पहुंच गई। सोन घड़ियाल की टीम भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन करने लगा। करीब 2 घंटे से अधिक समय में मश-त करने के बाद मगरमच्छ को सोन घड़ियाल अभ्यारण लाकर सकुशल छोड़ दिया गया है। इस रेस्क्यू में रेंजर रवि शेखर, डिप्टी रेंजर अरुण तिवारी, बीट प्रभारी श्याम सुंदर पनिका, अनिल सिंह मौजूद रहे।

तेजभान प्रजापति निवासी मझगांव ने बताया की हमारे गांव में बिहार और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के भी लोग रहते हैं। जितिया का त्यौहार संतान की लंबी उम्र के लिए हमारे घर की महिलाएं रहती हैं। 17 सितंबर का शुरुआत था रविवार को समापन रहा है। मादा मगरमच्छ साक्षात लक्ष्मी बनकर आई थी। किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। दर्शन और आशीर्वाद देकर चली गई। दौरान लोगों ने दूर से नारियल और चुनरी चढ़ाया।

 

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