Experiment For lumpi Virus : बकरी को लगने वाली वैक्सीन का उपयोग लंपी वायरस से ग्रसित मवेशियों पर किया जा रहा है
मवेशियों में लंपी वायरस तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में अब तक कई जिलों के मवेशी इस वायरस की चपेट में आ गए हैं। मवेशी में लंपी वायरस से निपटने के लिए अभी तक वैक्सीन पूरी तरह से तैयार नहीं है।
मवेशियों में लंपी वायरस तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में अब तक कई जिलों के मवेशी इस वायरस की चपेट में आ गए हैं। मवेशी में लंपी वायरस से निपटने के लिए अभी तक वैक्सीन पूरी तरह से तैयार नहीं है। पशुपालन विभाग द्वारा बकरी को लगने वाली गोटपाक्स वैक्सीन का उपयोग लंपी वायरस से ग्रसित मवेशियों पर किया जा रहा है।
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति और इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइवीआरआइ) बरेली के बोर्ड सदस्य प्रो.एसपी तिवारी के मुताबिक आइवीआरआइ ने वैक्सीन तैयार की है, लेकिन अभी तक इसका ट्रायल पूरा नहीं हुआ। ट्रायल के बाद बड़े स्तर पर इसके उत्पादन को लेकर काम किया जाएगा, जिसमें समय लगेगा।
जबलपुर समेत प्रदेशभर से आने वाले मवेशी के सैंपल की जांच करने के लिए भोपाल में पशुपालन विभाग की हाई सिक्योरिटी लैब और जबलपुर के नानाजी देशमुख पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलाजी विभाग को अधिकृत किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एसपी तिवारी ने बताया कि इसके लिए विभाग से टीम बनाई गई है, जो न सिर्फ लैब में आने वाले सैंपल की जांच कर रही है बल्कि आस-पास के जिलों में जाकर अपने स्तर पर भी सैंपल ले रही है। हमारे पास आधुनिक लैब और अनुभवियों की टीम है, जो इस काम में लगी है।
बालाघाट में मिले लंपी वायरस के दो संदिग्ध मवेशी, भेजे सैंपल
बालाघाट। जिला मुख्यालय में बुधवार को लंपी वायरस के दो संदिग्ध मवेशी मिले हैं, जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। महाकोशल-विंध्य के सभी जिलों में भी लंपी वायरस को लेकर सावधानी बरती जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग, बालाघाट के अतिरिक्त उपसंचालक डा. घनश्याम परते ने बताया कि संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर दो मवेशियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि ये लंपी बीमारी है या फिर अन्य कोई सामान्य बीमारी। मवेशी मालिक को दोनों संदिग्ध मवेशियों को अन्य मवेशियों से अलग रखकर उचित उपचार कराने के लिए कहा गया है।