हत्यारे को पकड़ने रेलवे की स्पेशल फ्लाइंग टीम बनी ग्वालियर पुलिस, गाल पर तिल से पहचाना आरोपित
दो साल पहले रिटायर्ड दरोगा की हत्या कर फरार हुआ हत्यारा नागपुर रेलवे स्टेशन से ग्वालियर पुलिस ने दबोच लिया है। वह बैंगलोर में पहचान छिपाकर रह रहा था, पुलिस को जैसे ही उसकी लोकेशन मिली तो उसे पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ग्वालियर से रवाना हो गई।
दो साल पहले रिटायर्ड दरोगा की हत्या कर फरार हुआ हत्यारा नागपुर रेलवे स्टेशन से ग्वालियर पुलिस ने दबोच लिया है। वह बैंगलोर में पहचान छिपाकर रह रहा था, पुलिस को जैसे ही उसकी लोकेशन मिली तो उसे पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ग्वालियर से रवाना हो गई। उसे भी पुलिस के आने की खबर मिल गई, इसके चलते वह बैंगलोर से ट्रेन में झांसी के लिए सवार हो गया। बीच में उसने एक ट्रेन भी बदली, लेकिन पुलिस ने नागपुर से उसे पकड़ लिया। उसे पकड़ने के लिए ग्वालियर पुलिस की टीम रेलवे की स्पेशल फ्लाइंग टीम बनी, जिसमें रेलवे के टीटीई ने भी उसका साथ दिया। 400 से ज्यादा यात्रियों के टिकट भी चेक किए, जिससे अगर आरोपित उन्हें देख ले तो उन्हें पहचान न पाए। नागपुर रेलवे स्टेशन पर जैसे ही चाय लेने के लिए उतरा तो गाल पर तिल से उसकी पहचान हो गई और टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपित की गिरफ्तारी पर ग्वालियर पुलिस की ओर से 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
बहोड़ापुर क्षेत्र में रहने वाले रिटायर्ड दरोगा मेघ सिंह राजावत के घर में चार बदमाश घुसे थे। बदमाश चोरी करने के लिए घुसे थे, लेकिन तभी मेघ सिंह की नींद खुल गई तो उनकी हत्या कर डाली। उनके घर से जेवर और लाइसेंसी बंदूक लूट ले गए थे। तीन आरोपित तो पकड़े गए थे, लेकिन मायाराम यादव फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। एसएसपी अमित सांघी ने बताया कि लंबे समय से फरार चल रहे आरोपितों की सूची तैयार कर इनकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच के डीएसपी ऋषिकेष मीणा, क्राइम ब्रांच प्रभारी दामोदर गुप्ता और उनकी टीम को लगाया। जब इस टीम ने मायाराम के बारे में पड़ताल की तो सामने आया कि वह बैंगलोर में पहचान छिपाकर रह रहा है। इससे पहले पुलिस ने पूछताछ के लिए उसके भाई को उठा लिया था। पूछताछ कर छोड़ दिया। जब उसकी लोकेशन मिल गई तो टीम यहां से रवाना हो गई। टीम के रवाना होने की खबर मायाराम के भाई ने उसे दे दी। वह बैंगलोर से जनरल टिकट लेकर ट्रेन में झांसी के लिए सवार हो गया। बीच-बीच में उसका मोबाइल चालू हो रहा था, इसके चलते उसकी लोकेशन मिल रही थी। पुलिस ने रात को उसे नागपुर से दबोच लिया। उसे पकड़कर ग्वालियर ले आए। उसने पूछताछ में बताया कि हत्या करने के बाद वह दक्षिण भारत भाग गया था, यहां अलग-अलग शहरों में रहा।
इधर… 10 साल से फरार अपहरण और हत्या के आरोपित को दिल्ली से पकड़ा, परिवार वाले कहते थे- वह तो मर गया:
फिरौती के लिए दस साल पहले छात्र का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या करने वाले आरोपित को पुलिस ने दिल्ली से पकड़ लिया है। यहां वह मिस्त्री बन गया था और फरारी काट रहा था। जब पुलिस उसके स्वजनों से पूछताछ करती तो यह लोग कहते थे- वह तो मर गया। उसे क्राइम ब्रांच ने ही दिल्ली से पकड़ा है।
2012 में प्रांकुल शर्मा नाम के छात्र का अपहरण हुआ था। आरोपितों ने उसकी हत्या कर डबरा में सिंध नदी के किनारे रेत में लाश को दफना दिया था। इस मामले में नो आरोपित थे, आठ तो पकड़ गए थे लेकिन मुकेश खंगार फरार चल रहा था। मुकेश के माता-पिता भी इस वारदात में शामिल थे। मुकेश के बारे में जब पुलिस ने पड़ताल की तो उसके परिवार वालों ने रिश्तेदार व आसपास के लोगों में उसे मृत घोषित कर दिया था। बीच में पुलिस ने भी उसकी तलाश बंद कर दी। एसएसपी अमित सांघी ने उसकी फाइल दोबारा खुलवाई। जब क्राइम ब्रांच को लगाया तो पता लगा कि वह दिल्ली में नाम बदलकर रह रहा है। यहां से उसे दबोच लिया गया।