Terror Funding Case: दंगे के आरोपित और हिंदू विरोधियों के लिए फंड एकत्र कर रहे थे पीएफआइ नेता
Terror Funding Case: एनआइए के छापे के बाद इंटेलिजेंस ने सक्रिय सदस्यों से पूछताछ शुरू की। तीन आरोपित अब्दुल करीम बेकरी, मोहम्मद जावेद बेलिम और अब्दुल खालिद को शुक्रवार दोपहर भोपाल स्थित एनआइए कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के जिन नेताओं को पकड़ा वो सांप्रदायिक दंगों के आरोपित और हिंदू विरोधियों की आर्थिक मदद भी कर रहे थे। पुलिस और इंटेलिजेंस अब सक्रिय सदस्यों की कुंडली बना रही है। शुक्रवार से ही इंटेलिजेंस ने तलब कर डोजियर भरना शुरू कर दिया। उधर उज्जैन से एनआइए की गिरफ्त में आया जमील शेख पीएफआइ के लिए कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती कर रहा था। इसके लिए जमील को फंडिंग भी मिल रही थी। इसी की वजह से वह एनआइए के रडार पर आ गया था। जमील युवाओं के जरिए ही कट्टरपंथी माड्यूल तैयार कर रहा था। उसने अब तक 100 से अधिक युवाओं को संगठन से जोड़ा था।
बुधवार रात इंदौर से गिरफ्तार हुए तीन आरोपित अब्दुल करीम बेकरी, मोहम्मद जावेद बेलिम और अब्दुल खालिद को शुक्रवार दोपहर भोपाल स्थित एनआइए कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया। इंटेलिजेंस ने एनआइए अफसरों से आरोपितों से जब्त दस्तावजों की जानकारी ली और शेष सदस्यों की जांच शुरू की। सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में पता चला है कि पीएफआइ नेता न सिर्फ मुख्यालय से मिलने वाले फंड पर गतिविधियां चला रहे थे, बल्कि खुद भी संगठन के लिए फंड (चंदा) एकत्र कर रहे थे।
इस फंड से आरोपित उन लोगों की मदद करते थे जो हिंदू विरोधी गतिविधियों (लव जिहाद, हमले और सांप्रदायिक दंगों) के मामलों में जेल में बंद हैं। संगठन के नेता चंदा उगाही और प्रचार-प्रसार व ज्ञापन के लिए एसडीपीआइ की मदद लेते थे। खरगोन दंगे, सीएए और चूड़ीवाला के साथ हुई मारपीट के वक्त भी एसडीपीआइ और पीएफआइ ने विरोध प्रदर्शन किया था।
खेत और फार्म पर बैठक-प्रशिक्षण देते थे नेता
इंटेलिजेंस डीसीपी रजत सकलेचा के मुताबिक शहर में पीएफआइ के 85 सदस्य सक्रिय हैं, जबकि अनधिकृत रूप से करीब 800 लोग जुड़े हुए हैं, जिनका कोई डेटा नहीं है। इंटेलिजेंस इनका डोजियर भर चुकी है। बुधवार को हुई छापामार कार्रवाई के बाद एजेंसी दोबारा डोजियर भरवा रही है। इसमें उनके आर्थिक स्रोत, सहयोगी, स्वजन, रिश्तेदार, वकील सहित 85 बिंदु शामिल हैं। एजेंसी को पता चला है कि पीएफआइ नेताओं ने फार्म हाउस, खेतों में बैठक आयोजित कर शारीरिक प्रशिक्षण संबंधित चर्चा की है। एजेंसी अब उस स्थान को ढूंढने में जुटी हुई है। उधर टीम ने शुक्रवार को भी कुछ लोगों को बुलाया और डोजियर भरने की प्रक्रिया पूरी की।
एसडीपीआइ नेताओं को आगे करते थे पीएफआइ नेता
पिछले साल चूड़ीवाला के साथ हुई मारपीट के विरोध में सैकड़ों मुस्लिम युवाओं ने कोतवाली थाना का घेराव किया था। जब एसडीपीआइ नेता मुमताज कुरैशी, अब्दुल रऊफ बेलिम और जैद पठान का नाम सामने आया था। पर्दे के पीछे से पीएफआइ नेताओं ने भीड़ एकत्र कर रहे थे।