ग्वालियर में डीडी नगर में हाईराइज बिल्डिंग को रैरा से मिली मंजूरी
दीनदयाल (डीडी) नगर के ए और बी ब्लाक में प्रस्तावित मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड की हाईराइज इमारतों को रैरा से मंजूरी मिल गई है। गत तीन अक्टूबर को रैरा ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपनी सहमति जारी कर दी है।
ग्वालिय दीनदयाल (डीडी) नगर के ए और बी ब्लाक में प्रस्तावित मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड की हाईराइज इमारतों को रैरा से मंजूरी मिल गई है। गत तीन अक्टूबर को रैरा ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपनी सहमति जारी कर दी है। अब अगले एक माह तक हाउसिंग बोर्ड द्वारा इस परियोजना के तहत हितग्राहियों का पंजीयन कराया जाएगा। इसके बाद मौके पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। दीनदयाल नगर की आबादी के लिए यह परियोजना इसलिए भी खास है, क्योंकि इन बहुमंजिला इमारतों में आवासों के अलावा व्यवसायिक काम्प्लेक्स का भी निर्माण कराया जाएगा। इसमें हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी मल्टीप्लेक्स से लेकर मल्टी नेशनल कंपनियों की फ्रेंचाइजी भी लाने की तैयारी कर रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड को 48 महीने यानी मार्च 2025 तक निर्माण पूरा करना होगा।
हालांकि हाउसिंग बोर्ड के इंजीनियर इसे तैयार करने के लिए मार्च 2024 तक की समय सीमा लेकर चल रहे हैं। सेक्टर ए में बनने वाली हाईराइज बिल्डिंग 98639 वर्गफीट क्षेत्रफल में तैयार की जाएगी। इसमें थ्री बीएचके के 24 फ्लैट होंगे। इसकी कीमत लगभग 40.31 लाख रुपए तय की गई है और इसका बिल्टअप एरिया 1184 वर्गफीट रखा गया है। वहीं टू बीएचके के 20 फ्लैट तैयार किए जाएंगे, जिसकी कीमत 27.80 लाख रुपए और बिल्टअप एरिया 800 वर्ग मीटर रहेगा। इसके अलावा कामर्शियल बिल्डिंग में भूतल से लेकर दूसरी मंजिल तक अलग-अलग आकार की 138 दुकानें रहेंगी। इनका आकार 200 वर्गफीट से 18 से लेकर 350 वर्गफीट तक रहेगा। इनकी कीमत भी 13 से 22 लाख रुपए तक रहेगी। तीसरी से पांचवीं मंजिल तक 30 हाल तैयार किए जाएंगे। इन हाल का साइज 900 वर्गफीट से लेकर 2950 वर्गफीट तक रहेगा। इनकी प्राथमिक कीमत 57 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपए तक तय की गई है।
सात साल से चल रही है कवायद
दीनदयाल नगर में हाईराइज बनाने के लिए वर्ष 2015 से प्रक्रिया चल रही है। पहले हाउसिंग बोर्ड ने एयरफोर्स से एनओसी लेने का प्रयास किया, लेकिन इजाजत नहीं मिली। इसके बाद बोर्ड ने एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक बनीं श्रमोदय विद्यालय और निजी यूनिवर्सिटी की दो इमारतों का हवाला देकर फिर एनओसी के लिए प्रयास किए। इस आधार पर वर्ष 2017 में मंजूरी मिल पाई। तीन साल लंबी कवायद के बाद वर्ष 2020 में टीएंडसीपी ने इस हाईराइज के लिए नया गजट नोटिफिकेशन जारी किया। नगर निगम से निर्माण की मंजूरी लेने में ही छह माह लग गए। यहां भी टैक्स के विवाद के बाद हाउसिंग बोर्ड को 45 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा। उसके बाद नगर निगम ने नक्शा पास किया। अब आखिरकार रैरा से भी मंजूरी मिल गई है।