घर में खुदाई के दौरान मिला दुर्लभ पैंगोलिन, दुनिया में की जाती है सबसे ज्यादा तस्करी

जिले के रामपुर बघेलान थाना क्षेत्र के महुरछ कदैला गांव के निवासी अन्नू द्विवेदी घर में खुदाई के दौरान शुक्रवार को एक दुर्लभ जीव पैंगोलिन मिला।इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर के वन्य जीवों की अवैध तस्करी में अकेले 20 फीसद का योगदान पैंगोलिन का ही है।

 

सतना जिले के रामपुर बघेलान थाना क्षेत्र के महुरछ कदैला गांव के निवासी अन्नू द्विवेदी घर में खुदाई के दौरान शुक्रवार को एक दुर्लभ जीव पैंगोलिन मिला। सूचना मिलने पर मुकुंदपुर रेंज की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्लभ जीव पैंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आता है।

इसकी सुरक्षा की व्यवस्था दी गई है। एक अजीब जीव देखकर मजदूर भयभीत होकर शोर मचाने लगे। अन्नू द्विवेदी गए तो देखा कि एक जीव सिकुड़ कर बैठा था। आस-पास के गांव के लोग भी जीव देखने पहुंच गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना मुकुंदपुर रेंज की रेस्क्यू टीम को दी तो टीम आकर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। विशेषज्ञों का मानना है, कि पैंगोलिन बहुत दुर्लभ जीव जो बेहद महंगा बिकता है। इससे कैंसर और शक्तिवर्धक दवाएं बनती हैं। खासकर विदेशों में इसकी बहुत डिमांड है।

गांव वालों ने इस प्रजाति के बारे में तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं। राम सजीवन बुजुर्ग ने बताया कि यह कहट है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पैंगोलिन है, यह दुर्लभ जीव है जो बेहद शर्मीला होता है। पैंगोलिन एक ऐसा जानवर है, जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी हो रही है, तस्करी की वजह है चीन, जहां इस जानवर की खाल और मांस से पारंपरिक दवाएं बनाता हैं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर के वन्य जीवों की अवैध तस्करी में अकेले 20 फीसद का योगदान पैंगोलिन का ही है। शरीर पर कड़ी और सुनहरी-भूरी स्केल्स वाले इन जीवों का मांस खूब शौक से खाया भी जाता है, इसके एक किलो की कीमत लगभग 27 हजार रुपये तक होती है, इसलिए चीन में ये एग्जॉटिक जानवरों की श्रेणी में मिलता है

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