Chhattisgarh Politics: ईडी के छापे के बाद कांग्रेस-भाजपा एक-दूसरे पर हुईं हमलावर
भाजपा का कहना है कि इधर-उधर की बात करके प्रदेश की भूपेश सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है। केंद्रीय एजेंसियों के काम में अड़ंगेबाजी कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि देश में जबसे मोदी सरकार बनी है वह केंद्रीय एजेंसियों का मनमाना दुरूपयोग कर रही है।
प्रदेश में लगातार पड़ रहे ईडी के छापे के बाद राजनीति गर्म हो गई है। प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस ने सीधा आरोप लगाया है कि ईडी, सीबीआई, आइटी भाजपा के अनुषांगिक संगठन की भांति काम कर रहे हैं। वहीं भाजपा ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
भाजपा का कहना है कि इधर-उधर की बात करके प्रदेश की भूपेश सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है। केंद्रीय एजेंसियों के काम में अड़ंगेबाजी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में जबसे मोदी सरकार बनी है वह केंद्रीय एजेंसियों का मनमाना दुरूपयोग कर रही है।
राजनैतिक विरोधियों को दबाने तथा सत्तारूढ़ भाजपा के राजनैतिक हितों को साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का ऐसा उदाहरण इतिहास में कभी देखने को नहीं मिला है। अपनी स्थापना के बाद ईडी में कुल 5,422 केस दर्ज हुए हैं और इनमें से 5,310 केस भाजपा की मोदी सरकार के दौरान आठ वर्ष में दर्ज किए गए हैं। उसके पहले ईडी ने सिर्फ 112 केस दर्ज किया था। इनमें से 95 प्रतिशत विरोधी दल के नेताओं के खिलाफ दर्ज किया गया है तथा एक भी भाजपा नेता के यहां ईडी ने न कभी छापा मारा और न ही कोई केस दर्ज किया है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब विपक्षी दल के नेताओं के यहां या विपक्षी सरकार को परेशान करने की नीयत से केंद्रीय एजेंसियां छापा मारती है तो भाजपा के नेता बेशर्मीपूर्वक इनके प्रवक्ता की भांति उनके समर्थन में बयानबाजी करते हैं। जैसे कि वे सब ईडी, आईटी के प्रवक्ता हैं। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ईडी के समर्थन में जिस प्रकार बयानबाजी कर रहे हैं उससे साफ हो रहा है कि ईडी की कार्यवाही भाजपा की राजनैतिक साजिश है। रमन सिंह ने जो अनर्गल आरोप लगाया है उसका प्रमाण प्रस्तुत करने का साहस नहीं दिखा रहे। सरकार को बदनाम करने को बयान दे रहे हैं।
95 प्रतिशत कार्रवाई विपक्षी दलों पर: कांग्रेस
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 2014 में केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से प्रमुख विपक्षी नेताओं को घेरने के लिए जांच एजेंसियों का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। मोदी सरकार के आठ साल के शासन में 95 फीसदी मामले केवल विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ़ किए गए हैं। जो नेता भाजपा में शामिल हो गए उनके खिलाफ भाजपा ने जांच बंद करवा दिया। नारायण राणे, मुकुल राय, हेमंत बिसवा सरमा, येदुरप्पा, एकनाथ शिंदे जैसे दर्जनों नेता जिनके खिलाफ ईडी, आईटी और सीबीआई की कार्यवाही चल रही थी, बकायदा एफआइआर दर्ज है, भाजपा में शामिल होते ही सदाचारी हो गए सारे आरोपों से मुक्त हो गए।
भ्रष्टाचारियों को क्लीनचिट दे रही भूपेश सरकार: अरुण साव
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के काम में अड़ंगेबाजी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे भ्रष्टाचार की जांच पूरी होने के पहले ही भ्रष्टाचारियों को क्लीनचिट देकर भ्रष्टाचार को समर्थन व संरक्षण दे रहे हैं।
वर्ष 2020 के छापे के संदर्भ में कार्रवाई के लिए आइटी की पीडीआइटी इकाई दिल्ली ने जानकारी राज्य सरकार को भेजी थी। आज तक छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि छापे का विरोध करते हुए लगभग पूरे मंत्रिमंडल ने राजभवन जाकर आपत्ति व्यक्त की थी। जबकि उस छापे में करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी।