Itarsi News : 10 प्रतिशत बिल जमा नहीं किया तो गांव में रहेगा अंधेरा
Itarsi News :आदिवासी विकासखंड केसला के ग्राम खटामा में लगी बिजली कंपनी की पुरानी डीपी जलने के बाद आधा गांव अंधेरे में डूबा है। गांव में ब्लैकआउट होने के बाद जनजीवन प्रभावित हो रहा है। दीवाली त्योहार सिर पर है।
Itarsi News : आदिवासी विकासखंड केसला के ग्राम खटामा में लगी बिजली कंपनी की पुरानी डीपी जलने के बाद आधा गांव अंधेरे में डूबा है। गांव में ब्लैकआउट होने के बाद जनजीवन प्रभावित हो रहा है। दीवाली त्योहार सिर पर है, लेकिन आदिवासी ग्रामीण अंधेरे में दिन-रात काटने को मजबूर हैं। पिछले सप्ताह अचानक डीपी में ब्लास्ट के बाद आग लग गई थी, इसके बाद बिजली आपूर्ति ठप पड़ी हुई है।
विधायक ने की डीजीएम से बातः विधायक प्रतिनिधि दिनेश देहरी की शिकायत पर रविवार को सिवनी मालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा ने इस मामले में कंपनी की डीजीएम पूनम तुमराम से बात की। तुमराम ने बताया कि गांव के उपभोक्ताओं पर बड़ी राशि बकाया है, इसका 10 प्रतिशत जमा हो जाए तो हम नई डीपी लगाकर सप्लाई बहाल कर देंगे। अधिकारियों का कहना है कि सरकार की नई गाइडलाइन है कि यदि किसी गांव या क्षेत्र में ज्यादा बिल बकाया है, ओर वहां राशि नियमित रूप से जमा नहीं की जा रही है तो 10 प्रतिशत राशि जमा कराने के बाद ही नए उपकरण लगाए जाएं। इधर शिवराज सरकार अटल ज्योति और हर घर में 24 घंटे भरपूर बिजली देने का दावा कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले हर घर में 100-150 रुपये बिल आता था, इसे जमा कराने के लिए कई दिनों तक कर्मचारी नहीं आते थे, अब आदिवासी परिवारों को 2-3 हजार रुपये तक बिल भेजे जा रहे हैं, जबकि इतनी खपत ही परिवारों में नहीं है, परिवारों की आर्थिक हालत भी इतनी अच्छी नहीं है कि वे बड़ी राशि का बिल चुका सकें। जनपद सदस्य सुनील नागले, पुनिया बाई, संजय तुमराम, मानसिंह कलमे, राकेेश उइकेे, जागृति तुमराम, सुखवती नागले, सुनील उइके ने कहा कि हर माह वसूली के लिए कर्मचारी नहीं आते हैं, जब डीपी जलती है, तब वसूली
का दबाव डाला जाता है, पहले बिल कम आते थे, अब ज्यादा बिल आ रहे हैं। त्योहार के वक्त ग्रामीणों को रियायत दी जाना चाहिए। बिजली न होने से आदिवासी अंधेरे में रात गुजार रहे हैं। जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा रहता है, बच्चों की पढ़ाई भी चौपट हो रही है। विधायक प्रेमशंकर वर्मा ने कहा कि हमें ग्रामीणों की समस्या के बारे में जानकारी मिली है, अधिकारी कह रहे हैं कि बकाया राशि जमा करना है, इसके लिए ग्रामीणों और अधिकारियों को कहा जाएगा कि नियमित राशि जमा कराएं, यदि बिल या वसूली में कोई समस्या है तो इसका निराकरण भी किया जाएगा।
शिकायत की है
हमने रविवार को विधायक से बात की। उन्होंने अधिकारियों को भी बताया है, लेकिन 10 प्रतिशत राशि का कहा जा रहा है। गांव में बिल पहले से ज्यादा आ रहे हैं। अधिकारी नियमित वसूली क्यों नहीं करते, डीपी जलने के बाद ही वसूली की सख्ती लागू की जा रही है।
दिनेश मेहतो, भाजपा नेता।
गाइडलाइन आई हैः
इस गांव के करीब 23 परिवारों पर 68 हजार रुपये का बिल बकाया है। सरकार के निर्देश हैं कि बकाया राशि का 10 प्रतिशत लेकर ही उपकरण बदले जाएं, हर गांव में यह नियम लागू है। भुगतान नहीं करेंगे तो डीपी नहीं बदली जाएगी। बहुत कम बकाया जमा करना है, इसे जमा कराया जाए।