Pushya Nakshatra 2022 : पुष्य नक्षत्र पर मंगलमय बाजार, इंदौर में तीन सौ करोड़ का कारोबार
Pushya Nakshatra 2022 : सोने-चांदी में 150 करोड़ की बिक्री, 150 रुपये सस्ता हुआ सोना, 90 करोड़ रुपये से ज्यादा के वाहन बिके, प्रापर्टी बाजार की बुकिंग को जोड़ने पर आंकड़ा 500 करोड़ तक आसानी से पहुंचता दिखता है।
Pushya Nakshatra 2022 : दीपावली से ठीक पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र पर मंगलवार को इंदौर के बाजारों में खरीदार उमड़ पड़े। देर रात तक बाजार गुलजार रहे। सौ साल पुराने सराफा बाजार से लेकर रेसकोर्स, एमजी रोड, एबी रोड के नए गहनों के शोरूम में खासी भीड़ दिखी। कार से लेकर दोपहिया वाहनों की एडवांस बुकिंग के आधार पर खास मुहूर्त में डिलीवरी हुई। खजराना गणेश मंदिर के बाहर नई गाड़ियों की पूजा के लिए कतार दिखी। इलेक्ट्रानिक और कंज्यूमर गुड्स की भी जमकर बिक्री हुई। मंगल पुष्य के खास मुहूर्त में करीब 300 करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें 150 करोड़ रुपये का सोना-चांदी, 100 करोड़ के वाहन और शेष उपकरणों व इलेक्ट्रानिक्स की बिक्री शामिल है। प्रापर्टी बाजार की बुकिंग को जोड़ने पर आंकड़ा 500 करोड़ तक आसानी से पहुंचता दिखता है।
अच्छे रिटर्न के रिकार्ड के साथ ऊपर चढ़ते सोने के दामों ने पुष्य नक्षत्र पर खरीदारों को राहत दी। पुष्य नक्षत्र के मौके पर सोने के दामों में स्थानीय स्तर पर 150 रुपये नरमी दिखी। सोना 24 कैरेट 51750 रुपये जबकि जेवराती सोना (916) 47310 रुपये प्रति दस ग्राम के दाम पर बिका। इंदौर सोना-चांदी जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के सचिव अविनाश शास्त्री के अनुसार, पुष्य नक्षत्र पर सराफा बाजार में 50 से 60 करोड़ रुपये के गहने बिके। शहर के अन्य बाजारों में बिक्री का आंकड़ा जोड़े तो सोना-चांदी में कुल 150 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। सोना महंगा होने के बावजूद बिक्री का यह आंकड़ा बीते वर्ष के समान ही है। ग्राहकों के सीमित बजट को ध्यान रखते हुए ज्वेलर्स ने 14 और 18 कैरेट के गहनों का विस्तृत कलेक्शन बाजार में उतारा। इस साल सौ प्रतिशत बिक्री हालमार्क लगे गहनों की हो रही है। पुष्य नक्षत्र की अच्छी बिक्री को देखते हुए अब बाजार धनतेरस के लिए खास तैयारी में जुट गया है।
सीमित बजट में हीरों की चमक इस साल गहनों के बाजार में खरीदारों का आकर्षण हीरों के प्रति बढ़ा हुआ नजर आया। ज्वेलर्स के अनुसार, बारीक हीरे जड़े गहनों की बड़ी रेंज इस साल ग्राहकों के बजट में उपलब्ध रही। 14 कैरेट सोने के साथ हीरों को जड़कर कम वजन के ऐसे गहने बाजार में उपलब्ध हैं, जिनकी लागत सोने के सामान्य गहनों के बराबर ही है। ऐसे में सोने के साथ हीरों की खरीदी का मौका भी लोगों को मिला। तमाम ज्वेलर्स के यहां डिजाइनर डायमंड ज्वेलरी को लेकर खासा उत्साह नजर आया।
परंपरा अनुसार बही खातों की खरीदी व्यापारियों की परंपरा के अनुसार दीपावली के बाद के मुहूर्त से नए कारोबारी साल की शुरुआत होती है। तमाम व्यापारी नए बही खातों की शुरुआत करते हैं। पुष्य नक्षत्र में बही खाते खरीदकर दीपावली पर उसका पूजन होता है। खजूरी बाजार के बही खाता व्यापारी ओमप्रकाश गोयल के अनुसार, कागज और कच्चे माल की कीमत बढ़ने के कारण बही खातों की दाम भी बीते वर्ष के मुकाबले करीब ढाई गुना हो गए हैं। कारोबारी परंपरा है और कंप्यूटर आधारित अकाउंटिंग के बावजूद दुकान का हिसाब लाल रंग के बही में रखने का चलन अब भी कायम है। ऐसे में तमाम व्यापारियों ने शगुन के बही-खातों की खरीदी की।
रियल इस्टेट में निवेश केंद्र बना इंदौर
पुष्य नक्षत्र के मौके पर शहर के तमाम रियल इस्टेट प्रोजेक्ट टाउनशिप और कालोनियों में मकान, फ्लैट और भूखंडों की बिक्री हुई। इंदौर सीए ब्रांच के अध्यक्ष सीए आनंद जैन के अनुसार, दरअसल मेट्रो और कास्मोपोलिटन सिटी के लोग अब इंदौर में निवेश और आगे बसने की संभावनाएं देख रहे हैं। शुभ मुहूर्त में यहां की अचल संपत्ति में खासी पूछताछ देखी जाती है। ऐसे मौके पर बुकिंग होती है जो एक साल में अरबों की खरीदी-बिक्री में तब्दील हो जाती है।