Diwali 2022: दीपावली पर भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का फूलों से हुआ शृंगार

Diwali 2022: मंदिर परिसर को भी फूलों से सजाने के साथ ही आकर्षक रंगोली भी सजाई गई है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर भी भगवान भोलेनाथ का विशेष शृंगार और पूजन कर दीपावली उत्सव मनाया जाएगा।

Diwali 2022: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पर रंगबिरंगी रोशनी की गई है। दीपावली पर भगवान भोलेनाथ का फूलों से विशेष शृंगार किया गया। मंदिर परिसर को भी फूलों से सजाने के साथ ही आकर्षक रंगोली भी सजाई गई है। भोलेनाथ के आंगन में आतिशबाजी होगी। अवकाश के चलते भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंदिर में प्रतिदिन शाम चार बजे बाद भगवान के मूल स्वरूप पर जल, फूल और अन्य कोई सामग्री सीधे नहीं चढ़ती है। दोपहर बाद भगवान का शृंगार विभिन्न सामग्री से मंदिर ट्रस्ट और पुजारियों द्वारा किया जाता है।

खंडवा के महालक्ष्मी मंदिर में कोशांबा पूजन

खंडवा। दीपावली पर्व पर लालचौकी स्थित महालक्ष्मी मंदिर में छह दीपोत्सव मनाया जा रहा है। सोमवार 24 अक्टूबर को दीपावली पर सुबह 5.30 बजे मंगला आरती हुई। इसके बाद छह बजे काकड़ा आरती व 8.30 बजे शृंगार आरती की गई। नौ बजे महालक्ष्मी का कुमकुम पूजन हुआ। दोपहर 12 बजे विश्राम आरती व रात आठ बजे महालक्ष्मी, गणेश एवं सरस्वती पूजन किया जाएगा। इसके बाद महाआरती होगी। रात 12.51 बजे से प्रात: चार बजे तक महालक्ष्मी का दक्षिण भारतीय पद्धति से कौशांबा पूजन होगा। यह दीपावली की रात वर्ष में मात्र एक बार ही होता है। इसके साथ ही सहस्त्र अर्चन का भी आयोजन होगा। शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी नारायण का पूजन आचार्य अंकित मार्कण्डेय ने बताया आज दीपावली पर शुभ संयोग बन रहा है।

सोमवार को शाम 5.27 बजे से मंगलवार को शाम 4.18 बजे तक हस्त, चित्रा नक्षत्र में वैधृति योग का संयोग सुखद रहेगा। ये दोनों नक्षत्र व्यापारी और उद्योगपति जगत को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे। शुभ मुहूर्त में श्रीगणेश के साथ लक्ष्मी नारायण, कुबेर पूजन किया जाएगा। कई वर्षों बाद इस बार चित्रा नक्षत्र से युक्त दीपावली पड़ रही है। दीपावली महापर्व में प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का सर्वाधिक महत्व है। प्रदोषकाल गृहस्थियों और व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व रहता है। जिसमें पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है। तथा नीशीथकाल में भी विधि विधान से दीपावली पूजन करने से लक्ष्मी नारायण की कृपा सदा प्राप्त रहती है।

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