Bhopal News: प्राधिकरण में काउंसलिंग के बाद तीन अलग अलग मामलों में दीपावली से पहले घर पहुंची पत्नियां
Bhopal News : तीनों मामलों में दीपावली से पहले पत्नियां अपने ससुराल पहुंची। सभी ने मिलजुलकर त्योहार मनाने की तैयारी की। इनमें दो मामलों में दंपती भोपाल के थे।वहीं तीसरे मामले में पति सीहोर जिले में पदस्थ है।
Bhopal News: भोपाल जिला विधिक प्राधिकरण ने तलाक के लिए कोर्ट में पहुंचने से पूर्व तीन मामलों में काउंसलिंग के जरिए परिवारों को टूटने से बचाया गया। तीनों मामलों में दीपावली से पहले पत्नियां अपने ससुराल पहुंची। सभी ने मिलजुलकर त्योहार मनाने की तैयारी की। इनमें दो मामलों में दंपती भोपाल के थे।वहीं तीसरे मामले में पति सीहोर जिले में पदस्थ है। तीनों मामलों में दंपति ने राजीनामा कर साथ रहने की इच्छा जाहिर की है।
पत्नी और मां दोनों का साथ देगा पति
एक मामले में महिला अपने सास के साथ रहने तैयार नहीं थी, जबकि पति का कहना था कि वह बूढ़ी मां और बहन को नहीं छोड़ सकता। इस पर काउंसलिंग के दौरान जज ने सुझाव दिया कि मां को घर के पास किराए का मकान लेकर रहे, जिससे वह अपने दोनों दयित्वों का निर्वाह कर सके। मामले में दंपती इसी तनाव के चलते बीते दो साल से अलग रह रहे थे। पति ने बताया कि पत्नी, उसकी मां को खाना नहीं देती थी। दबाव बनाने के लिए बात-बात पर झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देती थी। पति पर दबाव बनाने के लिए पत्नी ने तलाक का केस लगाने का मन बनाया था। इसके चलते पति ने प्राधिकरण में सुलह के लिए आवेदन दिया था। लंबी काउंसलिंग के बाद प्राधिकरण ने पति को सलाह दी कि वह घर के पास ही अलग मकान ले कर रहे। साथ ही पत्नी को समझाया कि पति पर उसकी मां का भी अधिकार है। ऐसे में वह मां-बेटे को मिलने से नहीं रोक सकती। पति-पत्नी के साथ ही परिवार भी इस पर सहमत हो गए। दीपावली से पहले मामले का निराकरण किया गया और पत्नी परिवार के साथ रहने चली गई।
मानी पत्नी लेगी केस वापस
एक अन्य मामले में पति ने अपनी रूठी पत्नी को मनाकर लाने और झूठे केस वापस कराने के लिए आवेदन दिया था। पति ने बताया कि शादी के आठ साल हुए है। बीते चार साल से दंपती में तनाव चल रहा है। पत्नी का कहना है कि पति, उसे पर्याप्त समय नहीं देता। पति का कहना था कि बिजनेस लॉस में जाने के कारण वह अधिक व्यस्त रहने लगा था। पत्नी बीते डेढ़ साल से बच्चों के साथ मायके में रह रही है। घरवालों के कहने में आकर पत्नी ने पति पर दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लगाया था। काउंसलिंग में पत्नी ने माना कि उसे दहेज के लिए कभी प्रताड़ित नहीं किया गया। पति ने बिजनेस लॉस से उबरने के लिए उससे वहीं ज्वेलरी लोन लेने के लिए ली थी जो पति ने बनवाई थी। प्राधिकरण के समझाने पर पति ने स्वीकारा कि वह भी अपनी गलतियों को सुधारेगा और दीपावली पर पत्नी और बच्चों को घर लाया।
अब बच्चों से मिल सकेगी मां
एक अन्य प्रकरण में दंपती के बीच समझौता हो गया। महिला ने शिकायत की थी पति की प्रताड़ना से तंग आकर वह अपने मां के यहां रह रही है। बच्चों को पति ने अपने पास रखा है। वह उनसे मिलने नहीं देता। प्राधिकरण ने सलाह दी कि पति हर माह पत्नी को 2200 रुपये देगा और बच्चे शनिवार और रविवार को मां के पास रहेंगे। इस पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई।