विवादित बयानों के कारण भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पड़ गईं अकेली

भोपाल संसदीय सीट के लिए पार्टी नए सिरे से विचार कर सकती है। यही कारण है कि लोकसभा क्षेत्र के कई दावेदार अभी से सक्रिय हो गए हैं। निकाय चुनाव में भी भाजपा ने टिकटों के बंटवारे में साध्वी की पसंद को कोई खास तवज्जो नहीं दी थी

भोपाल संसदीय क्षेत्र से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भाजपा में अलग-थलग पड़ गई हैं। बड़बोलेपन और विवादित बयानों के कारण पार्टी नेताओं ने भी उनसे किनारा कर लिया है। हाशिए पर आने के कारण भोपाल संसदीय सीट पर अब दूसरे नेताओं की नजर है। भाजपा ने कई बार साध्वी को समझाया था कि वह जो भी बोलें सोच समझकर बोलें। गौरतलब है कि 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था। सूत्रों का कहना है कि भोपाल संसदीय सीट के लिए पार्टी नए सिरे से विचार कर सकती है। यही कारण है कि लोकसभा क्षेत्र के कई दावेदार अभी से सक्रिय हो गए हैं।

हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा ने टिकटों के बंटवारे में साध्वी की पसंद को कोई खास तवज्जो नहीं दी थी। साध्वी के हाशिए पर पहुंचने की वजह भी उनके बयान हैं। वे अपने बयान से कई बार संगठन को संकट में डाल देती हैं। एकबार कहा था कि उन्हें नालियां और शौचालयों को साफ करने के लिए सांसद नहीं चुना गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना के खिलाफ उनके बयान पर पार्टी ने फटकार भी लगाई थी।

मुंबई हमले में मारे गए बलिदानी हेमंत करकरे पर भी साध्वी ने विवादास्पद बयान दिया था। 2019 में लोकसभा चुनाव में मतदान से पहले नाथूराम गोडसे पर बयान देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। साध्वी के बयानों को लेकर प्रदेश नेतृत्व के सामने कई बार धर्मसंकट की स्थिति बन जाती है।

भाजपा के लिए भोपाल संसदीय सीट हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है। राजधानी की सीट होने की वजह से यह सीट राजनीतिक संदेश देने के काम भी आती है। लोकसभा सीट के प्रत्याशियों का निर्धारण केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा समस्त आकलन उपरांत किया जाता है। जो सभी सीटों पर लागू होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *