इंदौर को फिर डरा रही पराली, सोयाबीन कटने के बाद प्रदूषण बढ़ने का डर
ठंड आते ही बढ़ने लगा इंदौर में एयर क्वालिटी इंडेक्स, इंदौर के बाहरी क्षेत्रों में किसानों द्वारा फसल काटने के बाद पराली जलाने से भी इंदौर में एक्यूआइ बढ़ जाता है। रोक लगाने के बाद भी नहीं निकलता हल।
मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही इंदौर में एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) बढ़ने लगा है। इसके साथ ही शहर के बाहरी क्षेत्रों में किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल काट लेने के बाद पराली जलाने का समय भी आ गया है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इंदौर का एक्यूआइ बढ़ सकता है। वैसे भी बीते 15 दिनों से शहर का एक्यूआइ 100 से ऊपर चल रहा है। वहीं दो बार तो यह 200 के पार भी जा चुका है।
हर साल सर्दी में इंदौर का एक्यूआइ बढ़ जाता है। विशेषज्ञ इसके पीछे हवा के भारी होने का कारण बताते हैं, लेकिन आसपास के इलाके में पराली जलाने को भी इसके पीछे जिम्मेदार ठहराया जाता है। अक्टूबर और नवंबर में सोयाबीन की फसल काटने के बाद पराली जलाने और उधर अप्रैल और मई के शुरुआती दिनों में गेहूं की फसल कटने के बाद पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। इससे शहर का एक्यूआइ अचानक बढ़ जाता है। प्रदूषण विशेषज्ञ डा. डीके वागेला बताते हैं कि दीपावली के आसपास प्रदूषण में इजाफा होता है जिसका प्रमुख कारण आतिशबाजी होता है। लेकिन इसके बाद पराली जलाने पर भी प्रदूषण बढ़ता है। पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने पर दिल्ली, एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाता है। ठीक उसी तरह हमारे यहां भी इस तरह की परेशानी आती है। बीते कई सालों से इसे लेकर पत्र लिखे जाते रहे हैं।
रात में बढ़ता है प्रदूषण
डा. वागेला ने बताया कि ठंड के मौसम में हवा भारी रहती है। दिन में धूप खिलने पर हवा में मौजूद प्रदूषणकारी तत्व वायुमंडल में चले जाते हैं लेकिन रात को यह नीचे रहते हैं। सुबह के समय प्रदूषण थोड़ा कम होता है। इसी तरह गर्मी के दिनों में में भी प्रदूषण में थोड़ी कमी आती है। हालांकि, सबसे शुद्ध हवा वर्षा काल में ही रहती है।
यह रहा बीते 15 दिनों में प्रदूषण का हाल –
15 अक्टूबर को 129 एक्यूआइ
16 अक्टूबर को 112
17 अक्टूबर को 122
18 अक्टूबर को 122
19 अक्टूबर को 102
20 अक्टूबर को 114
21 अक्टूबर को 110
22 अक्टूबर को 119
23 अक्टूबर को 202
24 अक्टूबर को 165
25 अक्टूबर को 262
26 अक्टूबर को 138
27 अक्टूबर को 145
28 अक्टूबर को 158
(आंकड़े प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार)