Chhatarpur News: नशा मुक्ति अभियान से उमा भारती संतुष्ट नहीं, यह बात भी कही

उमा भारती ने कहा कि 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने कहा था कि शराब से वसूले गए राजस्व से सरकार को चलाना ऐसा ही है, जैसे मां अपने बच्चे के खून को पीकर घर चलाए, वो नहीं करना है। शराब के राजस्व को अर्थव्यवस्था का मूल आधार नहीं बनाना है। कोशिश करना है कि लोग कम से कम शराब पीएं।

अहाते बिल्कुल नहीं होना चाहिए

उमा भारती ने आबकारी नीति में संसोधन पर बताते हुए कहा स्कूलों और महिलाओं के एकत्रित होने के स्थान, न्यायालय और अस्पताल से एक किमी की दूरी पर ही शराब की दुकान खुले। अहााात तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। बीयर बार से पीकर निकलने वाले गाड़ी चलाएं तो ऐसे लोगों को पकड़ा जाए। मजदूरों की बस्ती के पास दुकान नहीं होना चाहिए। मजदूर लोग मजदूरी की रकम शराब में फूंक देते हैं। इससे उनके परिवार तबाह होते हैं।

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