बुरहानपुर जिले के सीवल में वन और पुलिसकर्मियों पर महिलाओं ने बरसाए पत्थर, यह है कारण

सीवल से खाली हाथ लौटी टीम ने बाद में नेपानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। टीम के लौटने के बाद जंगल में छिपे करीब पांच सौ अतिक्रमणकारी निकल कर गांव पहुंच गए थे। उन्होंने हाथों में तीर-कमान, कुल्हाड़ी, दराती और गोफन लेकर गांव में रैली भी निकाली। हथियारों से लैस अतिक्रमणकारी आमू आखा एक छे, जंगल हमार छे, टंट्या मामा जिंदाबाद और भीमा नायक जिंदाबाद के नारे भी लगाए। जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।

साठ लोगों को जारी किए नोटिस

अतिक्रमणकारियों और उन्हें संरक्षण देने वाले पट्टाधारियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बीस पट्टाधारियों और 40 पट्टा आवेदकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर पट्टे और आवेदन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इधर अतिक्रमणकारियों की रैली के बाद से सीवल गांव में दहशत की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण घरों के बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। उनका कहना है कि अतिक्रमणकारी दूसरे जिलों के हैं और हथियारों से लैस हैं।

कार्रवाई से बौखला रहे अतिक्रमणकारी

ज्ञात हो कि अतिक्रमणकारी बाकड़ी और पानखेड़ा के जंगल में छुपे हुए हैं। बड़े पैमाने पर वहां पेड़ों की कटाई की जा रही है। पेड़ों को काटकर जमीन तैयार कर रहे हैं और बाद में पट्टे के लिए आवेदन लगा रहे हैं। अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने गई वन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम पर हमला कर भगा चुके हैं। इससे पहले पुलिस और प्रशासन ने घाघरला के जंगल से बमुश्किल अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा था।

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