Ladli Laxmi 2.0: मेरा वचन है आइआइटी- आइआइएम की फीस भी मामा भरवाएंगे : शिवराज

कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री ने कन्यापूजन कर उपहार दिए। लाड़लियों ने मध्य प्रदेश गान और लाड़ली लक्ष्मी गान गाया। मुख्यमंत्री ने अपने स्वागत से रोकते हुए दो लाड़लियों को तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना का विचार कैसे आया, उसकी कहानी सुनाते हुए कहा संस्कृति में देवियों का सम्मान है। भगवान के नाम के पहले देवियों का नाम लिया जाता है। हजारों साल की गुलामी के कारण हमारे विचार बदल गए। बेटी के पैदा होने पर सास अग्निमुखी हो जाती थी। कोख को कत्लखाना बना दिया था।

उन्‍होंने कहा कि बचपन से बेटा-बेटी में भेदभाव देखकर मन दुखी होता था। सोचता था इसे कैसे बदलूं। 1990 में विधायक बना, तो एक अनाथ बेटी का विवाह कराया। सांसद बना, तो भत्ते की राशि बचाकर बेटियों का विवाह कराता था। नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री बना, तो लाड़ली लक्ष्मी व कन्या विवाह/निकाह योजना शुरू की। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जिंदगी की सफलता मानता हूं कि बेटियों का कुछ भलाकर पाऊं। मेहनत करोगी तो चमत्कार कर सकती हो। योजना का दूसरा भाग आज शुरू हो रहा है। आज का दिन इतिहास में लिखा जाएगा। बेटियों के रास्ते की हर बाधा दूर कर दी है। ज्ञात हो कि प्रदेश में 43 लाख 30 हजार लाड़ली लक्ष्मी हैं।

 

सावधानी बरतने की सलाह

मुख्यमंत्री ने लाड़लियों से कहा कि हमें संस्कारित होकर ठीक रास्ते पर बढ़ना है। तुम्हीं में से कल कई बेटियां देश एवं प्रदेश चलाएंगी। बेटियां नया इतिहास रचेंगी। सेना, खेल, राजनीति सहित किसी भी क्षेत्र में जाइए। इंटरनेट मीडिया पर लोग बहकाते हैं। हमें सही राह पर चलना है। हमने तय किया है कि बेटियों पर बुरी नजर रखने वालों को फांसी पर चढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बेटियों-महिलाओं के हक में लिए गए निर्णयों की जानकारी भी दी।

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