Health Tips: सर्दी में आने वाला यह फल हर मौसम के अनुकूल

Health Tips: गर्मी के दिनों में आंवले का मुरब्बा, आंवले का शरबत शरीर को लू से बचाता है और शीतल रखता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। नेत्रज्योति को भी बेहतर बनाए रखने के लिए यह लाभकारी होता है।

सर्दी के आते ही आंवला बाजार में आना शुरू हो जाता है। आंवला एक ऐसा फल है जिसका उपयोग फल, चटनी, मुरब्बा, अचार, कैंडी, चूर्ण आदि अनेक रूप, अनेक तरीके से होता है। यह है तो ऋतु फल जो कि शीत ऋतु में ही बाजार में नजर आता है लेकिन इसके गुण इतने ज्यादा है कि इसकी मांग वर्षभर बनी रहती है। नींबू, मौसंबी, संतरा, अंगूर आदि खट्टे फलों में से एकमात्र आंवला ऐसा फल है जिसका विटामिन सी कभी खत्म नहीं होता। चाहे इसे कच्चा खाया जाए या पकाकर खाया जाए।

 

प्राकृतिक चिकित्सक व आहार विशेषज्ञ वृंदा खांडवे बताती हैं कि नींबू आदि का रस यदि सब्जी में डालकर उसे यदि पकाया जाता है तो काफी हद तक उसका विटामिन सी खत्म हो जाता है लेकिन आंवले का यह गुण है कि उसके पकने के बाद भी उसमें नीहित विटामिन सी खत्म नहीं होता। यही वजह है कि सेहतमंद रहने में मदद करने वाला च्यवनप्राश भी आंवले का ही बनता है। आंवले में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और त्वचा व बालों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। आंवला वात, पित्त और कफ त्रिदोषहारी होता है। जब शरीर में इन तीनों का संतुलन होता है तो व्यक्ति निरोगी रहता है।

आम धारणा है कि सर्दी-जुकाम या खांसी के दौरान आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए जबकि इसका सेवन इस दौरान भी लाभकारी ही होता है। यह शरीर के विशैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी यह बहुत बेहतर होता है। मधुमेह, गठिया, त्वचा रोग, ब्लड प्रेशर और वजन संतुलित कम करने के लिए भी यह औषधी के समान कार्य करता है। यह पाचनतंत्र को बेहतर बनाता है। नेत्रज्योति को भी बेहतर बनाए रखने के लिए यह लाभकारी होता है। गर्मी के दिनों में आंवले का मुरब्बा, आंवले का शरबत शरीर को लू से बचाता है और शीतल रखता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर करता है।

 

 

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