Inspection of NAAC in JU: नैक की टीम के निरीक्षण को लेकर तैयारियों में जुटा जेयू प्रशासन
जीवाजी यूनिवर्सिटी में निरीक्षण के लिए नैक की टीम का आना 15 नवंबर के आसपास संभावित है। ऐसे में जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी तैयारियों को लेकर जोर शोर से जुटा हुआ है। साफ सफाई और रंग रोगन को लेकर विश्वविद्यालय में जगह-जगह काम चल रहे हैं।
जीवाजी यूनिवर्सिटी में निरीक्षण के लिए नैक की टीम का आना 15 नवंबर के आसपास संभावित है। ऐसे में जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी तैयारियों को लेकर जोर शोर से जुटा हुआ है। साफ सफाई और रंग रोगन को लेकर विश्वविद्यालय में जगह-जगह काम चल रहे हैं। सालों से जिन विभागों और भवनों की ओर कोई ध्यान भी नहीं देता था आज पूरे पूरे दिन बैठकर जिम्मेदार अधिकारी उनकी साफ-सफाई और रंग रोगन के काम का निरीक्षण कर रहे हैं। इतना ही नहीं नैक की टीम के आने की घबराहट में विद्यालय प्रशासन आनन-फानन में निर्माण कार्य भी करवा रहा है जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शौचालय एवं कक्ष शामिल है।
जीवाजी विश्वविद्यालय की दूरस्थ शिक्षा भवन के शौचालय निर्माण पर खबर लिखी थी जिसमें भवन के 4 शौचालयों को एक साथ तोड़कर उनका निर्माण कार्य किया जा रहा था। इसमें उस भवन में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं एवं संबंधित विभागों पढ़ाने वाले अध्यापकों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में जब विश्वविद्यालय के कुलपति से बात की गई तो उन्होंने एक हफ्ते में काम पूरा करवाने का वादा किया था |हालांकि अधिकारियों ने युद्ध स्तर पर काम करके निर्माण कार्य को लगभग पूरा कर दिया है सिर्फ कुछ औपचारिकताएं शेष रह गई है।
जीवाजी विश्वविद्यालय में टेबुलेशन चार्ट की जांच कर रही कमेटी की गुरुवार को बैठक हुई। इसमें सदस्यों ने निर्णय लिया कि टेबुलेशन चार्ट कहां से रद्दी में गए, यह पता किया जाए। इस संबंध में विभागों से जानकारी ली जाए कि चार्ट किस-किस विषय के थे। ज्ञात हो कि जीवाजी विश्वविद्यालय से वर्ष 2020 के टेबुलेशन चार्ट रद्दी में बेच दिए गए, जिनसे दशहरे पर राणव, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले तैयार किए जा रहे थे। टेबुलेशन चार्ट के फोटो वायरल होने के बाद जेयू प्रबंधन ने जांच कमेटी बनाई थी। इस कमेटी का अध्यक्ष परीक्षा नियंत्रक डा. एके शर्मा को बनाया गया है। -नप्ऱकिटोराताल के पास की जमीन पर अब पांच होगा फैसला़ग्विालियर। कटोराताल स्थित सरकारी जमीन के मामले की कोर्ट में सुनवाई अब पांच नवंबर को होगी। वैसे इस जमीन के फैसले के लिए गुरुवार का दिन तय किया था, लेकिन मिनाज खान ने एक आवेदन कोर्ट में पेशकर दिया। ज्ञात है कि नगर निगम ने आठ साल पहले कटोराताल के पास बनी दुकानों को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किए थे। इसमें मोहम्मद अनवर व सईद सिंधिया सहित अन्य को नोटिस दिया गया था। इन लोगों ने न्यायालय में नगर निगम के नोटिस को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि जमीन का मालिकाना हक भी उनके पास है और निर्माण की अनुमति ली थी।