राजनीति के लिए लोग कहा तक जा सकते हैं ये इस बात से साबित होता है, इन लोगों की बाते सुनकर तो एक बारगी यही लगेगा कि दुनिया 1947 के बाद ही शुरू हुई, कोई ऐसे लोगों से यह सवाल पूछे कि जाति पंडितो ने बनाई तो क्या पंडित इतने शक्तिशाली थे कि उन्होंने भगवान राम की जाति बना दी, भील, निषाद की जाति बना दी? भगवान कृष्ण के कुल यदुवंशीयों को भी पंडितो ने बना दिया? अपने स्वार्थ के लिए धर्म का तिरस्कार बंद करिए, सत्ता का मद और ताकत क्षण भंगुर है, धर्म अनंत काल तक चलने वाली अटल सत्ता है।