भिण्ड/ प्रदेश में मातृ मृत्यु को रोकने से लेकर महामारियों के रोकथाम एवं आम जनता की स्वास्थ्य की रक्षा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से काम कर रही आशा, ऊषा एवं पर्यवेक्षकों ने शोषण के खिलाफ, जीने लायक वेतन की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार को हड़ताल के पहले दिन भिण्ड जिला मुख्यालय पर मप्र आशा, आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ की प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मी कौरव एवं प्रदेश महामंत्री ममता राजावत के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों ने जिला अस्पताल परिसर में एकत्रित होकर सभा की एवं प्रदर्शन किया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में आशा ऊषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने 24 जून 2021 को मिशन संचालक द्वारा दिए गए निर्णय को लागू कर आशा को 10 हजार एवं पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए निश्चित वेतन दे कर तत्काल राहत पहुंचाने, आशा ऊषा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित करने, तब तक न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की मुख्य मांग के अलावा आशाओं के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोकने, अब तक काटी गई सभी राशियों का एरियर सहित भुगतान करने की मांग शामिल है।
इसके अलावा आशाओं द्वारा की गई कोविड वैक्सीनेशन ड्यूटी, डीपीटी बूस्टर वैक्सीन, एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन, निर्वाचन कार्य सहित सभी कार्यों का बकाया प्रोत्साहन राशियों का भुगतान करने, प्रत्येक माह की पांच तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु ठोस उपाय करने, विभाग द्वारा निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य नहीं कराने पर रोक लगाने, आशाओं की सभी मीटिंगों एवं पर्यवेक्षकों के वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान करने, आशा एवं पर्यवेक्षकों को वेतन सहित 20 आकस्मिक अवकाश देने एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाने, कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर छह माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधाएं देने, बिना किसी जांच के आशाओं की सेवा समाप्ति पर रोक लगाने, निष्क्रिय बताकर आशाओं की सेवा समाप्ति को रोकने, जबरन अनुचित तरीके से सेवा समाप्त की गई सभी सक्रिय आशाओं को बहाल करने, पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किए बिना आशा एवं पर्यवेक्षकों को सेवानिवृत्त न करने, ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सभी पीएचसी, सीएचसी और अस्पतालों में सुरक्षित एवं सुविधायुक्त आशा रूम उपलब्ध कराने, पीओएसएच कानून लागू करने एवं शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने, श्रम संहिताओं को वापस लेने, आशा एवं र्पवेक्षकों को श्रम कानूनों के दायरे में शामिल करने, स्वास्थ्य के लिए सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत राशि आवंटित करने, स्वास्थ्य सेवाओं (सरकारी अस्पतालों) सहित सभी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण को रोकने की मांगें शामिल हैं। पहले दिन हड़ताल को सफल बनाने के लिए प्रियंका शिवहरे, ऊषा नरवरिया, ममता रजक, सुनीता शर्मा, मोहिनी गुप्ता, सुनीता, सीता देवी, अरुणा, राजकुमारी, रीना, गायत्री राजावत, भूरी शर्मा आदि ने जिले की आशा एवं ऊषा कार्यकर्ताओं तथा पर्यवेक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया।