भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लघु व्यवसाय करने वाले लोगों (स्ट्रीट वेंडर्स) के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ संचालित हैं। इनका लाभ पात्र लोगों को सही ढंग से मिले, इसके लिए अभियान संचालित किया जाये। नगरीय विकास एवं आवास विभाग और स्थानीय प्रशासन हाथ ठेले और फेरी लगा कर छोटा-मोटा कारोबार करने वाले लोगों को लाभान्वित करने का कार्य करें। नगरीय क्षेत्र में व्यवसाय के लिए पर्याप्त स्थान की सुविधा देते हुए यह ध्यान रखें कि व्यवस्था बिगाड़े बिना इन व्यवसाइयों की रोजी-रोटी चलती रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज समत्व भवन में 29 मई को भोपाल में होने वाली नगरीय क्षेत्र के हाथ ठेला चालकों, फेरी वालों, रेहड़ी वालों की होने वाली पंचायत की तैयारियों की जानकारी ले रहे थे। आयुक्त नगरीय प्रशासन श्री भरत यादव, कलेक्टर भोपाल श्री आशीष सिंह, नगर निगम आय़ुक्त वी.एस. चौधरी कोलसानी और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लघु व्यवसाय करने वाले लोगों के परिवारों को लाड़ली बहना योजना, आय़ुष्मान कार्ड और शिक्षण संबंधी सुविधाएँ प्राप्त होती रहे, इसके लिए समय-समय पर समीक्षा की जाए। पीएम स्वनिधि योजना में लाभान्वित होने वाले हितग्राही को डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर प्रावधानों का लाभ मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए। मध्यप्रदेश पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में प्रथम रहा है। यह स्थिति आगे भी बनी रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स को बेहतर तरीके से विभिन्न योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए पंचायत में आवश्यक मंथन होगा। प्राप्त सुझावों और पूर्व में संचालित कार्यक्रमों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए नवीन सुविधाएँ देने पर भी विचार किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना : एक नजर में
देश में 14 मई 2020 को केन्द्र सरकार द्वारा पीएम स्वनिधि योजना घोषित की गई, जिसका क्रियान्वयन 1 जून 2020 से प्रारंभ हुआ। कोरोना काल में कारोबार की दिक्कतें झेलने वाले शहरी पथ विक्रेताओं के रोजगार और उनकी आजीविका को सुनिश्चित करना योजना का प्रमुख उद्देश्य था। योजना में एक वर्ष के लिए 10 हजार रूपये की ब्याज मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में उपलब्ध करवाई जाती है। समय से भुगतान करने पर दोबारा 20 हजार रुपये की राशि प्राप्त होती है, जिसका भुगतान समय पर करने पर 50 हजार रूपये की कार्यशील पूँजी ऋण और ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। डिजिटल ट्रांजेक्शन पर वर्ष में अधिकतम 1200 रूपये का विशेष अनुदान दिया जाता है। हितग्राही को बिना गारंटी का ऋण मिलता है। देश में मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान पर है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल तैयार कर पंजीयन किए गए। प्रदेश में 9 लाख 17 हजार पहचान/विक्रय प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। कुल 5 लाख 53 हजार 106 प्रकरण मंजूर कर हितग्राही लाभान्वित किए जा चुके हैं। प्रदेश की प्रगति 102.45 प्रतिशत है। पीएम स्वनिधि योजना में केन्द्र सरकार द्वारा 7 प्रतिशत के ब्याज अनुदान के प्रावधान के साथ मध्यप्रदेश सरकार 7 प्रतिशत से अधिक की ब्याज राशि अनुदान के रूप में दे रही है। योजना का 3 चरण में क्रियान्वयन हुआ है।
स्वनिधि से समृद्धि
प्रदेश के 335 नगरीय निकायों में स्वनिधि से समृद्धि योजना पर अमल हो रहा है। प्रथम चरण में 9 नगरीय निकाय भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, बुरहानपुर, खण्डवा, उज्जैन, सागर, गुना और छतरपुर शामिल हुए। द्वितीय चरण में 15 निकाय जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा, देवास, सिंगरौली, रतलाम, मुरैना, सतना, सिवनी, विदिशा, शिवपुरी, खरगोन, दमोह और धार का चयन किया गया है। तृतीय चरण में प्रदेश की 311 नगरीय निकायों का चयन स्वनिधि से समृद्धि योजना में किया गया। पीएम स्वनिधि के लाभार्थी और उनके परिजन को केन्द्र सरकार की जिन आठ जन-कल्याणकारी योजनाओं से जोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है, उनमें पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम श्रमयोगी मान धन योजना, वन नेशन-वन कार्ड, पीएम जन-धन योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना सहित भवन और अन्य निर्माण श्रमिक योजनाएँ शामिल हैं।