ग्वालियर/ जेयू के ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान अध्ययनशाला में सात दिवसीय सेमिनार के अन्तिम दिन बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर लखनऊ से आए विषय विशेषज्ञ डॉ. विनीत कुमार ने डी-स्पेस रिपाजटरी एवं डी-स्पेस को कैसे इंस्टाल किया जा सकता है कि ट्रेनिंग प्रतिभागियों को प्रदान की ।सांयं को केन्द्रीय ग्रन्यालय के रीडिंग रूम में इस सात दिवसीय सेमिनार का समापन समारोह आयोजित किया गया।समारोह की अध्यक्षता जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने की एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में जीवाजी विश्वविद्यालय सामाज विज्ञान के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो.एस.के.शुक्ला उपस्थित रहें ।प्रो.अविनाश तिवारी ने कहा कि समाज के विकास में लाईब्रेरी की भूमिका महत्वपूर्ण है।उन्होने कहा कि अपने ग्रन्थालय की जिन तकनीक को सीखा है उस पर बराबर काम करते रहें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में हैन्ड ऑन ऐक्टिविटी हो रही है।विशिष्ट अतिथि प्रो.एस.के.शुक्ला ने कहा कि एक विश्वविद्यालय के लिए लाईब्रेरी कितनी महत्वपूर्ण होती है ।उन्होंने कहा कि ज्ञान को संरक्षित करने के बजाए एक दुसरे को पासऑन किया जाना चाहिए ।जीव विज्ञान एवं न्यूरो साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.आई.के.पात्रो ने प्रतिभागियों को बताया कि आप लाइब्रेरियन होने के नाते किसी शिक्षक, वैज्ञानिक, उपयोगकर्ता कि कैसे मदद कर सकते है उन्होंने बताया कि शैक्षणिक एवं शोध में लाईब्रेरी किसी भी संस्थान का हद्रय होता है ।बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर लखनऊ से आए विषय विशेषज्ञ डॉ.विनीत कुमार ने इस सेमीनार के महत्व को बताते हुए इसकी उपयोगिता पर बल दिया।प्रो.जे.एन.गौतम ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि वास्तव में यह कार्यशाला में जिन सॉफ्टवेयर के बारे में ट्रेनिंग दी गई है इससे आप भविष्य में अपनी लाईब्रेरी को कैसे अपडेट कर सकते है।कुलपति महोदय ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।अन्त में प्रो.जे.एन.गौतम ने कुलपति महोदय, विशिष्ठ अतिथि को शॉल,श्रीफल एवं विषय विशेषज्ञ डॉ.विनीत कुमार को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया । इस मौके पर 80 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।इस मौके पर प्रो.आई. के.पात्रो, प्रो.एस.के.द्विवेदी, प्रो.डी. सी.गुप्ता, प्रो.एम.के.गुप्ता, प्रो. शांतिदेवसिसोदिया, डॉ .जितेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ .अरविन्द कुमार शर्मा, डॉ.निधि श्रीवास्तव, अम्बिका भदौरिया, वीरू सिंह दांगी, सुमित गुप्ता, खुशबु राहत, साक्षी राठौर, अपेक्षा श्रीवास्तव, मो.शकील कुरैशी, संजय जादौन, केन्द्रीय ग्रन्थालय के कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।