ग्वालियर मेला प्राधिकरण स्थित ग्वालियर व्यापार मेंला परिसर में संचालित होने वाले मैरिज गार्डनों के निकाले गए टेण्डर में व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए लगाई गई शर्ते, प्राधिकरण के लिए परेशानी की फांस बन चुकी है। टेण्डरों में अनुचित शर्ताे के कारण इसकी शिकायत सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं लोकायुक्त और आर्थिक अनवेषण ब्यूरो( ईओडब्ल्यू ) तक पहुंच गई है।
ग्वालियर मेला परिसर में संचालित होने वाले मैरिज गार्डनों के लिए टेण्डर निकाला गया था। शर्तों के चलते शनिवार को इन टेण्डरों का ठेकेदारों ने विरोध किया था, जिसके कारण सिर्फ टैक्निकल बिड ही खुल सकी थी। जबकि फायनेंशियल बिड अभी तक नहीं खोली जा सकी है।
टेण्डरों में जो नियमों के विपरीत शर्ताे को लगाया गया है उनमें टेण्डर में एक करोड के टर्नओवर की शर्त रखी गई है, जबकि कई निविदाएं ही एक करोड से कम की हैं। टेण्डर में 2023 की आडिट रिपोर्ट मांगी गई है, जबकि अभी वर्ष 2023 के ऑडिट समाप्त होने में ही समय बाकी है। साथ ही 100 प्रतिशत टेण्डर की राशि एडवांस में जमा कराने की शर्त भी डाली गई है। इस राशि में 50 प्रतिशत एकमुश्त राशि टेण्डर स्वीकृत होते ही जमा करनी है। जबकि 50 प्रतिशत राशि टेण्डर खुलने के 15 दिन में 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ बैंक गारंटी के रूप में जमा करनी है। इन शर्ताे के कारण इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में की गई है।
मेले में कोई स्थायी अध्यक्ष या सचिव नहीं होने के कारण यहाँ कोई सुनवाई नहीं हो रही है और अधिकारीगण मनमाफिक शर्तें लगाकर अपने पसंदीदा लोगों को यह टेंडर दिलवाना चाहते हैं।