खालिस्तानी गैंगस्टर गठजोड़ पर बड़ी कार्रवाई, एनआईए कर रही है 6 राज्यों में छापेमारी

नई दिल्ली /राष्ट्रीय जांच एजेंसी बुधवार को 6 राज्यों में 3 मामलों में लॉरेंस, बंबीहा और अर्श दल्ला गिरोह के सहयोगियों से संबंधित 51 स्थानों पर बड़ी छापेमारी कर रही है. बुधवार तड़के एनआईए ने पंजाब के मोगा जिले के गांव तख्तूपुरा में एक शराब ठेकेदार के घर पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. इस ठेकेदार से गैंगस्टर अर्श डाला ने फिरौती मांगी थी. इस ठेकेदार ने फिरौती का कुछ हिस्सा अर्श डाला को दिया था. सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में एनआईए जांच कर रही है.छापेमारी के दौरान एनआईए ने पंजाब के फिरोजपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार को फिरोजपुर में गैंगस्टर अर्शदीप डाला के सहयोगी जोन्स उर्फ जोरा के घर पर छापा मारा. वह कथित तौर पर हथियार खरीद रहा था और डाला के लगातार संपर्क में था. आगे की जांच के लिए संदिग्ध को चंडीगढ़ ले जाया गया है.
एनआईए ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के बाजपुर थाना क्षेत्र में एक गन हाउस पर भी छापा मारा. उत्तराखंड के देहरादून जिले के क्लेमेनटाउन थाना क्षेत्र में एनआईए ने एक और घर पर छापा मारा है. देहरादून पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम आज सुबह से ही छापेमारी कर रही है राज्य पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम गन हाउस में हथियारों की जांच कर रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कनाडा से संबंध रखने वाले आतंकी गैंगस्टर नेटवर्क से जुड़े 43 व्यक्तियों का विवरण भी जारी किया था. एनआईए ने जनता से अपनी संपत्तियों और परिसंपत्तियों का विवरण साझा करने के लिए कहा, जिन्हें केंद्र सरकार अपने कब्जे में ले सकती है।
देहरादून के गन हाउस मालिक के घर पर भी एनआईए की रेड पड़ी है. इस गन हाउस का मालिक है परीक्षित नेगी बताया जा रहा है. गन हाउस के मालिक को 2 साल पहले दिल्ली पुलिस ने किया अरेस्ट किया था. उसकी गिरफ्तारी के समय उसके पास से 2 हजार से अधिक गोलियां बरामद हुई है. माना जा रहा है कि नेगी खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट को गोलियां सप्लाई करता था. इसके साथ ही वह हवाला के जरिए पैसे भेजनेमें भी उनकी मदद करता था. उत्तराखंड में उधम सिंह नगर और देहरादून जिला में NIA की छापेमारी चल रही.मार्च महीने में भी एनआईए उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर में छापेमारी कर चुकी है. लंबे समय से यही आशंका जताई जाती रही है कि लंदन में रहने वाले कुछ खालिस्तानी समर्थकों का सीधा संबंध उधम सिंह नगर जिले से हो सकता है. उसी वक्त गुरविंदर सिंह के घर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी. बताया जाता है कि उधम सिंह नगर में गुरविंदर का एक बड़ा फार्महाउस है. जिसपर काफी लंबे समय से एनआईए निगरानी रख रही थी.
एनआई ने यहां पहले भी रेड किया था लेकिन उस समय संदिग्ध देश से बाहर था. एजेंसियों को यह शक है कि कई खालिस्तान के समर्थक टेरर नेटवर्क का हिस्सा है. इससे पहले अमृतपाल मामले में भी स्थानीय पुलिस से लेकर तमाम एजंसी कई बार इस इलाके में पहुंच चुके हैं.एनआईए ने उनके स्वयं के नाम पर या उनके सहयोगियों, दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर स्वामित्व वाली संपत्तियों/परिसंपत्तियों/व्यवसायों के बारे में विवरण साझा करने का भी अनुरोध किया है. इसमें अपने व्यापारिक साझेदारों, श्रमिकों, कर्मचारियों और संग्रह एजेंटों का विवरण साझा करने के लिए भी कहा गया है. एनआईए ने अपने पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई, जसदीप सिंह, काला जठेरी उर्फ संदीप, वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा और जोगिंदर सिंह की तस्वीरें उनके नाम के साथ जारी कीं. इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि इनमें से कई गैंगस्टर कनाडा में स्थित हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत चंडीगढ़ और अमृतसर में नामित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून के स्वामित्व वाली संपत्तियों को जब्त कर लिया था. चंडीगढ़ में सेक्टर 15 स्थित पन्नून के आवास के बाहर संपत्ति जब्ती का नोटिस चिपका हुआ देखा गया।इससे पहले 21 सितंबर को एजेंसी ने भगोड़े गैंगस्टर गोल्डी बरार से जुड़े पंजाब और हरियाणा में 1000 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी. पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने एनआईए के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

गोल्डी बरार एनआईए द्वारा नामित सर्वाधिक वांछित गैंगस्टरों में से एक है. उस पर हाल ही में एक अन्य गैंगस्टर सुक्खा दुनीके की हत्या के पीछे भी होने का संदेह है, जिसकी कनाडाई शहर विन्निपेग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.ऐसा कहा जाता है कि इनमें से कई वांछित गैंगस्टर कनाडा से संचालित हो रहे हैं, जिनके खालिस्तान समर्थकों और गैंगस्टरों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं. 2018 में, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की अमृतसर यात्रा के दौरान, भारत ने उन्हें नौ खालिस्तानी गुर्गों की एक सूची सौंपी थी, जिनके कनाडा में होने की बात कही गई थी.

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