विवेक विहार कॉलोनी चेतकपुरी मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं.श्री घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने गजेन्द्र मोक्ष, वामन भगवान, भगवान श्रीराम चरित्र व भगवान श्रीकृष्ण जन्म आदि की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के मात्र श्रवण करने से जीव को पूर्ण फल की प्राप्ति हो जाती है उन्होंने कहा कि सत्संग सुनने से जीव के मन में अच्छे संस्कार आते हैं, अर्थात सच्चे मन से स्मरण करने पर परमात्मा जीव की सहायता के लिए अवश्य आते हैं। इसलिए जीव को परमात्मा के प्रति आस्था बनाए रखते हुए भजन कीर्तन जरूर करना चाहिए। महाराज ने राजाबलि व भगवान वामन अवतार का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब भी कोई व्यक्ति अच्छा काम कर रहा हो तो उसे रोकना नहीं चाहिए मन को भगवान के चरणों में लगाना चाहिए, कर्म-सत्कर्म करना और वाणी को मधुर रखना चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक होगा! इसके पश्चात भगवान मत्स्य अवतार का वर्णन किया गया! राजा शरियाती की पुत्री सुकन्या और चमन का सुंदर संवाद वर्णन किया गया! चक्रवर्ती सम्राट राजा अंबरीश की भक्ति का वर्णन भी हुआ कि वे कैसे राजा होने पर भी स्वयं भगवान की सेवा में सदा तन्मय रहते थे! कैसे महर्षि दुर्वासा ने अंबरीश जी की परीक्षा ली! कब महर्षि दुर्वासा ने क्रोध को ही बुरी वासना कहा और कैसे अंत में महर्षि दुर्वासा को भी एक भक्त के सामने झुकना पड़ा! भगवान हमेशा अपने भक्तों की स्वयं रक्षा किया करते हैं वाले प्रसंग से सभी भक्त बहुत आनंदित हुए! राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का कपिल मुनि द्वारा भस्म होना, गंगा जी द्वारा उनका उद्धार, भगवान भोले की कृपा से गंगा जी पृथ्वी पर,भगीरथ के पीछे-पीछे सागर के सभी पुत्रों का उद्धार, गंगा जी द्वारा जीव को पवित्र करना, भागवत रूपी गंगा द्वारा मानव को पवित्र किया जाना,राम जी के सुंदर चरित्रों का वर्णन तथा उसके बाद भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा, वसुदेव और बालकृष्ण की बहुत सुंदर झांकी के साथ वर्णित की गई कथा के अंत में . श्रीमती सुमन जड़िया.. श्रीमती रामकली राठौर श्रीमती प्रभा गुप्ता पत्रकार विनोद गुप्ता . विष्णु राठौर श्री सी एम मिश्रा एच के खेंगर विपिन केसवानी हेमंत कंजोलिया बंटी कुशवाह..ने आरती की एवं वेलफेयर सोसाइटी के सभी सदस्यगण उपस्थित थे