विवेचना में ई-रक्षक और आईसीजेएस एप्लीकेशन का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिये पुलिस अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

ग्वालियर/ आज बाल भवन ग्वालियर के ऑडिटोरियम में ग्वालियर रेंज के ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर जिलों के पुलिस अधिकारियों के लिये ‘‘सीसीटीएनएस, ई-रक्षक एवं आईसीजेएस पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अथिति श्री जी.पी.सिंह स्पेशल पुलिस महानिदेशक सीआईडी पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस कार्यशाला में अति0 पुलिस महानिदेशक ग्वालियर जोन श्री डी.श्रीनिवास वर्मा,भापुसे, डायरेक्टर एफएसएल भोपाल श्री शशिकांत शुक्ला, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री राजेश सिंह चंदेल,भापुसे, एआईजी सीआईडी भोपाल श्री दिनेश कौशल, डिप्टी एडवोकेट जनरल ग्वालियर हाईकोर्ट श्री वीरेन्द्र पाल, रविन्द्र सिंह कुशवाह, सीनियर एडवोकेट श्री विजयदत्त शर्मा, अति0 पुलिस अधीक्षक शहर(पूर्व/अपराध) ग्वालियर श्री ऋषिकेश मीना,भापुसे, अति. पुलिस अधीक्षक शहर(दक्षिण) श्री गजेन्द्र सिंह वर्धमान, अति. पुलिस अधीक्षक शहर(पश्चिम) श्री अमृत मीना, अति. पुलिस अधीक्षक शहर(मध्य) श्री अखिलेश रैनवाल, अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री निरंजन शर्मा, श्री अखिलेश भार्गव ज्वाइंट डायरेक्टर आरएफएस ग्वालियर, श्री प्रवीण दीक्षित जिला अभियोजन अधिकारी ग्वालियर, एडीपीओ सहित पुलिस के समस्त राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारीगण एवं विवेचक उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक ग्वालियर एवं अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया, तद्उपरान्त अति0 पुलिस अधीक्षक शहर(पूर्व/अपराध) ग्वालियर द्वारा उपस्थित अतिथियों एवं पुलिस अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की रूपरेखा से अवगत कराया गया। इस अवसर पर उन्होने उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि वर्तमान समय में पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष होने के साथ ही नवीन टेक्नोलॉजी से अपडेट होने की भी आवश्यकता है। इसके लिये ही यह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई है, आप सभी अधिक से अधिक इसका लाभ उठाएं।

मुख्य अतिथि श्री जी.पी.सिंह स्पेशल पुलिस महानिदेशक सीआईडी पुलिस मुख्यालय भोपाल ने सेमीनार में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी टेक्निकल डिवाइस और विवेचना संबंधी एप्लीकेशन हैं उनका उपयोग सभी पुलिस अधिकारियों को आवश्यक रूप से करना आना चाहिए। जो भी विवेचना अधिकारी हैं उन्हे प्रभावी और अच्छी विवेचना के लिए टेक्निकल डिवाइस व इन एपों का बेहतर से बेहतर उपयोग करें। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा शुरू किये गये यह एप्स काफी उपयोगी हैं। इसके आधार पर आपको विवेचना में काफी सहयोग प्राप्त होगा।

श्री डी.श्रीनिवास वर्मा,भापुसे एडीजीपी ग्वालियर जोन ने कहा कि जब भी कोई समस्या आती है तो उसका समाधान भी साथ में आता है। इसी प्रकार सीसीटीएनएस में जो भी कमियां हैं उसको हम सभी को मिलकर दूर करना है। जब कोर्ट से कोई आरोपी बरी होता है तो इसका मुख्य कारण कमजोर विवेचना होती है। आपको अपनी विवेचना में साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन का उपयोग करना है। जब आप किसी भी केस में विवेचना करते हैं तो सबसे पहले जो भी विवेचक अधिकारी है उसे एक इन्वेस्टीगेशन प्लान बनाना चाहिए कि इस केस में मुझे क्या-क्या करना चाहिए और क्या-क्या करना है। आप ज्यादा से ज्यादा साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन का प्रयोग करें। जब भी कोई विवेचक केस में स्टेटमेंट लेता है तो हमेशा वीडियो स्टेटमेंट लेना चाइए। जिससे आपके द्वारा ली गई स्टेटमेंट काफी हद तक प्रभावी साबित होगी।

श्री शशिकांत शुक्ला, डायरेक्टर एफएसएल भोपाल द्वारा कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों व विवेचकों को संबोधित करते हुए कहा कि एफएसएल लगातार विवेचना में पुलिस अधिकारियों को सहयोग करता आ रहा है। उन्होने कहा कि किसी भी सामान्य प्रकरण के आर्टिकल को एफएसएल में जांच हेतु नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के अनावश्यक आर्टिकल भेजने से लेब में पेण्डेंसी बढ़ती है और घटना स्थल से क्या-क्या साक्ष्य एकत्रित कर एफएसएल को जांच हेतु भेजा जाना चाहिए इसके संबंध में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बताया गया। भोपाल से आए एफएसएल के वैज्ञानिक श्री मनीष सैनी और श्री डी.डी. बंसल ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से फॉरेंसिक साइंस क्या होता है व किस तरह काम करता है तथा डीएनए क्या है एवं किन-किन केसों में डीएनए जांच कराना चाहिए इससे अवगत कराया गया।

श्री राजेश सिंह चंदेल,भापुसे पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने इस अवसर पर कहा कि हम धीरे-धीरे साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन की तरफ जा रहे है जो कि हमारी विवेचना को मजबूत करता है। अभी जो भी एप्स हैं जैसे ई-रझक, आईसीजेएस के बारे में सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को अवगत होना चाहिए। इस प्रशिक्षण कार्यशाला से हमारी विवेचना में और ज्यादा सुधार होगा और क्रिमिनल जस्टिस मजबूत होगा। अंत में एसपी ग्वालियर ने उपस्थित मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

डिप्टी एडवोकेट जनरल श्री वीरेन्द्र पाल द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों व विवेचकों को संबोधित करते हुए कहा कि सीसीटीएनएस व आईसीजेएस सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उसमें भरी जाने वाली जानकारी पूर्णतः सटीक रूप से भरी जानी चाहिए। विवेचना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये तैयार किये गये एप्स की सभी पुलिस अधिकारियों को जानकारी होना चाहिए जिससे वह विवेचना के दौरान इनका उपयोग कर सकें। न्यायालय और पुलिस के बीच की कड़ी अभियोजन अधिकारी होता है आप सभी विवेचकों को उनसे सत्त संपर्क बनाए रखना चाहिए जिससे आपकी विवेचना में होने वाली त्रुटि को कम किया जा सके।

आज की प्रशिक्षण कार्यशाला में एआईजी, एससीआरबी भोपाल प्रांजलि शुक्ला द्वारा गूगल मीट के द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों को सीसीटीएनएस, आईसीजेएस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर एससीआरबी भोपाल से अपनी टीम के साथ आई निरीक्षक डोली गोस्वामी द्वारा ई-रक्षक एवं आईसीजेएस एप का लाइव डेमो देकर जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के अंत में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री राजेश सिंह चंदेल,भापुसे एवं अति0 पुलिस अधीक्षक शहर(पूर्व/अपराध) ग्वालियर श्री ऋषिकेश मीना,भापुसे व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित मुख्य अतिथि व अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेट किए गये।

ई-रक्षक-एप क्या है:- पुलिस अब ई-रक्षक-एप के माध्यम से एक क्लिक में किसी भी अपराधी की कुंडली निकाल सकेगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय भोपाल से सभी थाना प्रभारियों को मिले टैबलेट में ई-रक्षक-एप को इंस्टॉल करना शुरू किया गया है इस एप को प्ले स्टोर से अपने मोबाइल में डाउनलोड कर पुलिस अधिकारी उपयोग कर सकते हैं। यह एप बीट और ग्राउंड लेवल की पुलिसिंग को मजबूत करने में कारगर साबित होगा। जिसमें एक क्लिक करते ही अपराधी की पूरी कुंडली सामने आ जाएगी, साथ ही इस एप के माध्यम से हिट-एंड-रन एवं चोरी के वाहनों का डिटेक्शन भी आसानी से हो सकेगा। इस एप के द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड देखने के लिए नाम और जाति डालते ही उसकी हिस्ट्री खुलकर सामने आ जाएगी। इसके साथ ही अज्ञात और गुमशुदा व्यक्तियों का डाटा इस एप में डालते ही उसकी पहचान आसानी से हो सकेगी। इसमें हिस्ट्रीशीटरों का डाटा भी मिलेगा तथा ई-रक्षक एप में गिरफ्तार होने वाले व्यक्तियों का रिकॉर्ड देखने के लिए विवेचक उसकी डिटेल डालेंगे, जिसके बाद पकड़े गए आरोपी की कुंडली खुलकर सामने आ जाएगी। इस एप का कैमरा चालू कर जैसे ही पुलिस अधिकारी किसी के चेहरे के पास ले जाएंगे तो यह फीचर डाटाबेस में मौजूद चेहरों से उसे मैच करेगा। जिसमें पुलिस द्वारा रोका गया व्यक्ति अपराधी है तो उसके नाम पते के साथ पूरी कुंडली खुलकर सामने आ जाएगी।

आईसीजेएस क्या है:- आईसीजेएस के माध्यम से, किसी भी अपराधी से संबंधित जानकारी जैसे कि पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड, जेल प्रवेश और जेल से रिहाई, अपराध में सहयोगी, अपराधी का नेटवर्क इत्यादि को मेटाडेटा के रूप में अदालतों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। आईसीजेएस पोर्टल का उपयोग आपराधिक खोज, मामलों की जांच, पासपोर्ट सत्यापन, चरित्र सत्यापन, जमानत आवेदन और विभिन्न पैमाने पर निवारक कार्यवाहियों में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में किया जा सकता है।

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