नई दिल्ली/ 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दसवीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा बयान दिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा, “छात्रों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह साल में दो बार (कक्षा 10 और 12 बोर्ड) परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा। वे बेस्ट स्कोर चुन सकते हैं। लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा है कि साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी नहीं होगा। उन्होंने बोला कि यह पूरी तरह से हर स्टूडेंट्स के लिए ऑप्शनल होगा और इसका मुख्य कारण डर से होने वाले बच्चों के तनाव को काम करना है। इसका मतलब अब दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में साल में दो बार शामिल होना जरूरी नहीं होगा। ये घोषणा यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने की है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अगस्त में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के अनुरूप स्कूली शिक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम ढांचा लॉन्च किया था। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि छात्रों के लिए साल में दो बार कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा।
कोटा में छात्र आत्महत्या की घटनाओं पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किसी की भी कीमती जान नहीं जानी चाहिए, “वे हमारे बच्चे हैं। छात्रों को तनाव मुक्त रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।” शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, ‘केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) का पुनर्गठन किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका पुराना वर्शन बहुत बड़ा और व्यापक है और आज की शिक्षा की मांगे बहुत अलग हैं।
उन्होंने कहा, अगर किसी छात्र को लगता है कि वह पूरी तरह से तैयार है और परीक्षा के पहले सेट के स्कोर से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है। कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा। कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किसी की जान नहीं जानी चाहिए, केंद्र सरकार इस बात पर कदम उठा रही है ताकि किसी को कोचिंग की जरूरत न पड़े।