ग्वालियर /ग्वालियर जिले में कलेक्टर ग्वालियर श्री अक्षय कुमार सिंह के निर्देशन में डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम हेतु प्रभारी प्रभावी कार्रवाई की जा रही है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.के.राजोरिया ने बताया कि डेंगू केस की वृद्धि व वर्तमान मे चल रहे संक्रमण की स्थिति को देखते हुये इसकी रोकथाम व डेंगू से बचाव हेतु जनहित में निम्नानुसार एडवाइजरी जारी की जाती है-
1-वर्षाकाल के दौरान लोग अपने घर व आसपास तथा छतों पर खुले अवस्था में रखे पानी से भरे विभिन्न प्रकार के जलपात्र जैसे – पानी की टंकी, टायर, गमले, कूलर, मिटटी के दिये, छत, मटके, पाइप, गढढें, मपी प्लांट के पाॅट, प्लास्टिक की बोटल, कप, गिलास, टूटा फुटा सामान/खिलौने, कनस्तर व अन्य सामान में भरा पानी मच्छरों के पनपने के प्रमुख स्थान है। इनमेें मच्छर अण्डे देते हैं इनसे इनसे 7 से 12 दिवस के भीतर मच्छर अपना उत्पत्ति चक्र पूर्ण कर मच्छर बनकर उड जाते है। अतः ऐसे जलपात्रों में भरा पानी शीघ्र खाली करें व नियमित रुप से 7 दिवस के भीतर जलपात्रों में भरा पानी खाली करें।
2- डेंगू का मच्छर सामान्यतः दिन में काटता है व उत्पत्ति स्थल के 400 मीटर के दायरे में सक्रिय रहता है तथा घरों में नमी व अंधेरे वाले स्थानों में छुपे रहते है। एडीज मच्छर डेंगू मरीज को काटने पर संक्रमित हो जाते हैं व अन्य स्वस्थ्य व्यक्तियों को काटकर डेंगू बीमारी का प्रसार करते है। अतः इनसे अपना बचाव करें।
3-डेंगू संक्रमित व्यक्ति को प्रारम्भिक लक्षण जैसे – कमजोरी, तेज बुखार, सिर व हाथ पैर में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं इसके पष्चात मरीज के षरीर/आंखों में रक्त के चकत्ते दिखना या नाक, मसूडे, या अन्य स्थान से रक्त स्राव होने व उल्टी के लक्षण दिखाई देते है। उपचार में विलम्ब से बीमारी की गंभीरता में मरीज को चक्कर आना, मूर्छित होना, या साॅक में चले जाने की स्थिति बन सकती है। अतः उक्त लक्षण होने पर डरने की आवश्यकता नहीं है। तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार लेना चाहिये व अनावश्यक दवाओं व भ्रांतियों से बचना चाहिये।
4-डेंगू के लक्षण हाने पर बिना परामर्श के कोई भी दवा विशेषकर दर्द निवारक दवा का सेवन नहीं करना चाहिये। अतः चिकित्सक से परामर्श उपरान्त ही उचित उपचार लेवें। बुखार होने पर पैरासीटामोल की दवा उम्रानुसार उचित मात्रा में ली जा सकती है।
5- जिले डेंगू व चिकुनगुनिया की जांच जिला चिकित्सालय ग्वालियर व मेडीकल काॅलेज ग्वालियर में निःशुल्क उपलब्ध है। संभावित रोगी तत्काल अपनी जांच करावें। ताकि समय पर डेंगू संक्रमण की पहचान कर उपचार किया जा सके व प्रभावित क्षैत्र में नियंत्रण कार्यवाई की जा सके।
6- जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज को पूर्ण उपचार के साथ फलों का रस, नारियल पानी, दाल का पानी, ओ,आर,एस, का घोल तथा पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिये।
7-डेंगू के प्रसार को रोकने व बचाव के लिये अपने घर व आसपास अनावश्यक पानी जमा नही होने दें। व खुली टंकियों को ढंककर रखें, अनावश्यक कबाड का सामान नष्ट करें या उनमें पानी इकटठा न होने दें। सप्ताह में एक बार आवश्यक रुप से टंकी, मटके, कूलर व अन्य उपयोगी जलपात्रों में भरा पानी बदलें। व जिन अनुपयोगी जलपात्रों को का पानी नहीं बदल सकते उनमें मिटटी का तेल/खाने का तेल/गांडियों से निकला आयल डालने से मच्छर के लार्वा व प्यूपा नष्ट हो जाते है।
8-मच्छरों से बचाव के लिये हमें पूरे बांह के कपडे पहने। दिन में मास्क्यूटो रिपेलेंट व मच्छररोधी क्रीम/अगरबत्ती का उपयोग करें तथा सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिये।
9-डेंगू से बचाव की जानकारी आपस में अपनीे परिवार/मित्रों/रिस्तेदारों व सोसाइटी को भी बताएं जिससे सभी जन स्वयं अपने घर व आसपास डेंगू फेलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति को राकने में अपना सहयोग दे सकें। डेंगू की जानकारी व जन सहयोग से डेंगू के प्रसार को रोका जा सकता है।