चित्रकूट में बनेगा वनवासी रामलोक, वनवास की प्रमुख घटनाओं को दिखाने की तैयारी में मध्य प्रदेश सरकार

भोपाल/ वनवास के दौरान भगवान श्रीराम चित्रकूट और आसपास के स्थलों पर लगभग 11 वर्ष रहे। मध्य प्रदेश सरकार यहां वनवासी रामलोक की स्थापना करेगी। चित्रकूट में उनसे जुड़े दो या तीन प्रमुख स्थानों पर रामलोक बनाया जाएगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग यह काम करेगा। उज्जैन में श्रीमहाकाल महालोक की तरह ही इसे बनाने की तैयारी है।

पांच लोगों की बनाई जा रही समिति

राम के जीवन के बारे में जानने वाले पांच लोगों की समिति बनाई जा रही है, जो बताएगी कि रामलोक में क्या-क्या होना चाहिए। एकीकृत शहरी विकास परियोजना के अंतर्गत 400 करोड़ रुपये से चित्रकूट का विकास किया जाना है। इस परियोजना में वनवासी रामलोक का निर्माण भी शामिल है। इस लोक में भगवान राम के वनवास के दौरान की प्रमुख घटनाओं को मूर्तियों और अन्य रूपों में दिखाया जाएगा। भगवान राम की बड़ी मूर्ति स्थापित की जाएगी। राम दरबार बनाया जाएगा।

धार्मिक व प्राकृतिक स्वरूप न बिगड़े

सेवानिवृत प्रधान मुख्य वन संरक्षक और राम वन गमन पथ को लेकर कई वर्ष से काम कर रहे आरजी सोनी का कहना है कि चित्रकूट में कुछ विशेष अवसरों पर बहुत भीड़ आती है। ऐसे में वनवासी रामलोक बनाते समय भीड़ प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा। रामलोक इस तरह बनाया जाए कि उसका ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक स्वरूप बना रहे। कहने का आशय यह कि कृत्रिमता अधिक नहीं होनी चाहिए।

साल 2007 में हुआ था भूमिपूजन

तुलसी मानस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कहा- राम लगभग 11 वर्ष चित्रकूट एवं आसपास के स्थलों पर रहे। वह जिन आश्रमों में रहे, जिनसे मिले, इस सब की झलक रामलोक में दिखनी चाहिए। दूसरी बात यह कि राम वन गमन पथ चित्रकूट तक ही सीमित नहीं है यह दंडकारण्य तक है। अभी हमारी सीमा अमरकंटक में समाप्त हो जाती है। पूरे पथ को विकसित किया जाना चाहिए। वर्ष 2007 में भूमिपूजन के बाद भी अभी तक कुछ काम नहीं हुआ।

प्रदेश में बनाए जा रहे इतने देव लोक

उज्जैन में श्रीमहाकाल महालोक के दूसरे चरण का काम चल रहा है। खंडवा के ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक बनाया जा रहा है, जिसमें आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन दर्शन के बारे में बताया जाएगा। सलकनपुर में देवी महालोक, ओरछा में रामराजा लोक, दतिया में पीतांबरा माई महालोक, अमरकंटक में मां नर्मदा लोक, छिंदवाड़ा के जामसांवली में हनुमान लोक और इंदौर से लगभग 45 किमी दूर जानापाव में भगवान परशुराम की जन्मस्थली पर परशुराम लोक बनाया जा रहा है

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