भोपाल/ मध्य प्रदेश की 14 विधायकों की विधायकी खतरे में पड़ती दिखाई दे है। चुने हुए इन विधायकों के सामने कानूनी दांव पेंच का पलड़ा भारी पड़ते दिख रहा है। इन विधायकों के सामने चुनाव हारे प्रत्याशी और अन्य नागरिकों ने 14 विधायकों के खिलाफ अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। इन सभी विधायकों पर अनैतिक तरीके अपनाकर चुनाव जीतने के आरोप लगाए गए हैं।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 14 विधायकों के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। बताया जा रहा है कि परिणाम आने के बाद 45 दिनों में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ, इंदौर और ग्वालियर बेंच में कुल 14 विधायकों के खिलाफ 16 याचिका लगाई गई हैं। धार विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक नीना वर्मा के निर्वाचन को तो लगातार चौथी बार चुनौती दी गई है। गौरतलब है कि एक बार उनकी विधायकी हाईकोर्ट से शून्य भी हो गई थी।
इनके खिलाफ लगी याचिका
नीना वर्मा, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह राहुल, अभय मिश्रा, राजकुमार करहे, अरुण भीमावद, देवेंद्र प्रताप सिंह, चंदा सिंह गौर, नागेंद्र सिंह, भगवान दास सबनानी, प्रदीप लारिया, कंचन तन्वे, सीताशरण शर्मा और आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती दी गई है।
यह है नियम
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 17 नवंबर 2023 को मतदान हुआ था, जिसके नतीजे 3 दिसंबर 2023 को घोषित किए गए थे। नियम के अनुसार नतीजे आने के 45 दिन के भीतर निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की जा सकती है। किसी नियम का लाभ उठाकर लोगों ने चुनावी याचिका लगाई है