शहतूत (Morus alba or mulberries) एक पेड़ होता है और इस पर छोटे, रसीले, नाजुक लाल-काले या सफेद रंग के फल आते हैं जिन्हें शहतूत कहा जाता है। यह पेड़ ज्यादातर एशिया, यूरोप और अमेरिका में देखने को मिलते हैं। अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, तो यकीनन आपने यह फल जरूर खाया होगा।
यह फल खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतने ही इसके सेहत को फायदे होते हैं। अगर बात करें शहतूत के पोषक तत्वों की, तो यह फल विटामिन सी और के, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है।
शहतूत (मल्बेरी) में कई सारे पोषक तत्व होते हैं जिनके बारे में नीचे दिया गया है। इस फल में कई तरह के ऑर्गेनिक कंपाउंड (जैविक यौगिक) होते हैं जैसे कि: ज़िया-ज़ैन्थिन, एंथोसायनिन, फाइटो-न्यूट्रिएंट्स, ल्यूटिन, रेस्वेराट्रोल और कई तरह के अन्य पॉलीफेनोलिक आदि
शहतूत (मल्बेरी) में एंटीऑक्सिडेंट जैसे विटामिन A, विटामिन C, एंथोसायनिन और कई अन्य पॉलीफेनोलिक यौगिक भरपूर मात्रा में होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट, सेलुलर मेटाबॉलिज़्म के हानिकारक उप-उत्पादों को बनाने वाले मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये उप-उत्पाद, स्वस्थ कोशिकाओं (हेल्थी सेल) को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें कैंसर कोशिकाओं (सेल्स) में बदल देते हैं। शहतूत (मल्बेरी) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, हानिकारक मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को तेजी से बेअसर करने में मदद कर सकते हैं। शहतूत (मल्बेरी) के ये गुण, इन मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। कैंसर पैदा करने वाले मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) पर शहतूत का जबरदस्त प्रभाव पड़ता है
शहतूत (मल्बेरी) की पत्तियों में रेस्वेराट्रोल नाम का एक महत्वपूर्ण फ्लेवोनोइड होता है। यह फ्लेवोनोइड, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) के संकुचन को दूर करके दिल की विफलता (हार्ट फेलर) की संभावना को कम कर सकता है। शहतूत (मल्बेरी) में मौजूद रेस्वेराट्रोल, वैसोडिलेटर के रूप में काम करने वाले नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसका मतलब है कि यह रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकता है जिससे रक्त के थक्कों (ब्लड क्लॉट्स) के बनने का खतरा कम हो सकता है। इस प्रकार, यह दिल से जुड़ी समस्याओं जैसे कि दिल का दौरा या रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट्स) बनने के कारण पड़ने वाले दौरे (स्ट्रोक) को नियंत्रित कर सकता है
इसके अलावा शहतूत के पत्तों को घाव या फोड़े पर लगाना भी फायदेमंद होता है. इसके प्रयोग से घाव बहुत जल्दी भर जाते हैं. अगर आपको खुजली की दिक्कत है तो इसके पत्तों का लेपन जबरदस्त कारगर होता है.
शहतूत (मल्बेरी) में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन C कई रोगों से लड़ने में मदद करता है और उनसे सुरक्षा प्रदान करता है। यह कई सूक्ष्म जीवों (माइक्रो-ऑर्गेनिज़्म) जैसे बैक्टीरिया, वायरस और कवक (फंगस) से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा शक्ति (इम्युनिटी) को बढ़ाता है। एक कप शहतूत (मल्बेरी) के फल में मौजूद विटामिन C, पूरे दिन के लिए ज़रूरी विटामिन C की मात्रा के लगभग बराबर होता है।
शहतूत में लिवर को मजबूत करने की क्षमता होती है, यह दिमाग को स्वस्थ रखने और अल्जाइमर को भी दूर रखने में भी सहायक है। शहतूत में मौजूद फ्लेवोनोइड्स होने की वजह से यह हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी मददगार है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो स्किन को फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज को रोकने में मदद कर सकता है।
एंटी एजिंग
शहतूत का गूदा और जूस स्किन की पिगमेंटेशन को ठीक करता है। यह स्किन को टोन करता है और दाग-धब्बों को दूर करता है। शहतूत में रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) पाया जाता है, जो सूर्य की यूवी किरणों के दुष्प्रभावों से स्किन की रक्षा करता है। एंटीऑक्सिडेंट गुण होने के कारण यह द बेस्ट एंटी-एजिंग एजेंट है