जबलपुर/मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के विवादित बयान से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान पाया गया कि राज्य शासन की ओर से अब तक केस डायरी पेश नहीं की गई। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आठ जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित करते हुए केस डायरी पेश करने के निर्देश दे दिए।
पूर्व मंत्री इमरती देवी ने विवादित बयान को लेकर दर्ज कराई थी रिपोर्ट
पटवारी के बयान पर उनके विरुद्ध पूर्व मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर के डबरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा एसटीएससी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था। जिसे चुनौती देते हुए जीतू पटवारी ने हाई कोर्ट की शरण ली है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोटिस जारी कर शासन को केस डायरी पेश करने कहा था।
माफी मांगने के घंटों बाद उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई
पटवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उन्होंने जो बयान दिया था, उसमें उन्होंने किसी प्रकार की जाति सूचक टिप्पणी नहीं की थी। इसके अलावा ऐसा कोई इरादा नहीं था, जिसका उल्लेख एफआइआर में दर्ज किया गया है। बयान देने के आठ घंटे बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली थी। माफी मांगने के घंटों बाद उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई।
याचिकाकर्ता के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध नहीं बनता
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने पक्ष रखा। जिन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध नहीं बनता है, जो गैर जमानती है। प्रकरण में दर्ज की गयी अन्य धाराएं जमानती हैं। बिना किसी साक्ष्य के आधार पर उनके विरुद्ध एससी एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है