ग्वालियर / घर-घर सर्वे कर मच्छरों का लार्वा नष्ट कराएं। साथ ही जमा पानी में टेमोफोस का छिड़काव और गम्बूशिया मछलियां डालने का काम भी जारी रखें। जिस क्षेत्र में डेंगू के मरीज पाए गए हैं उस क्षेत्र में टेमोफोस व पायरेथ्रम स्प्रे का छिड़काव प्रमुखता से किया जाए। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मलेरिया अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। इस परिपालन में स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले द्वारा डेंगू एवं मच्छरजनित अन्य बीमारियों से बचाब के लिए लगातार कार्यवाही की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के. राजौरिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मलेरिया टीम शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित सर्वे कर मच्छरों के लार्वा का विनिष्टीकरण व बुखार के केसों की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर शहर के 66 वाडों में डेंगू-मलेरिया के सर्वे के लिये लगभग 45 टीमें काम कर रहीं है। टीम द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान लार्वा समाप्त करने के लिये आवश्यकतानुसार जमा पानी में टेमोफोस का छिडकाव किया जा रहा है। साथ ही डेंगू प्रभावित क्षेत्र एवं संभावित संवेदनशील क्षेत्र में 400 मीटर के दायरे में टेमोफोस व पायरेथ्रम दवा स्प्रे का छिडकाव किया जा रहा है। डेंगू नियंत्रण कार्य में नगर निगम के सहयोग से फोगिंग की कार्यवाई लगभग हर दिन संवेदनशील क्षेत्र में की जा रही है।
जिले के सभी विकासखंडों के ग्रामों में स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता मलेरिया व डेंगू की रोकथाम के लिए बुखार केसों की मलेरिया जांच रैपिड किट द्वारा कर रहे हैं। ग्राम में जहां भी पानी का जमाव होता है वहा आयल फिलिंग व टेमोफोस की दवा का छिडकाव स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकता व आशा द्वारा किया जा रहा है।
त्वरित कार्रवाई के लिए रेपिड रिस्पांस व कॉम्बेट टीम गठित
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में डेंगू रोगियों की त्वरित जांच, उपचार व नियंत्रण कार्य के लिए जिला स्तर व विकासखण्ड स्तरों पर रैपिड रिस्पान्स टीम व काम्बेट टीमों का गठन किया गया है। अभी तक कुल 2714 रोगियों की डेंगू जांच में कुल 133 पॉजिटिव केस पाए गए, इन सभी का उपचार किया गया। साथ ही डेंगू नियंत्रण के लिए घर-घर जाकर कन्टेनर चेक किये गये, जिनमें 2622 घरों में कुल 2966 कन्टेनरों में पाये गये लार्वा को नष्ट कराया गया। लार्वा नष्ट करने के लिए लगभग 20 हजार गम्बुसिया मछलियों को विभिन्न स्थानों पर जमा पानी में डाला गया है।
हाईरिस्क क्षेत्रों में बांटी मच्छरदानी, जनजागरूकता कार्यक्रम भी जारी
जिले में हाईरिस्क ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया नियंत्रण हेतु भारत शासन से प्राप्त मच्छरदानी का वितरण किया गया है। साथ ही मलेरिया की जांच सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्र व आशा कार्यकर्ता के पास निःशुल्क उपलब्ध है। जन जागरुकता के लिए मलेरिया रथ व एडवोकेसी कार्यशाला के माध्यम से मलेरिया माह के अन्तर्गत प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।