यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कथावाचक आसाराम को जोधपुर एम्स अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. आसाराम को एम्स अस्पताल से भारी सुरक्षा के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है.
इससे पहले आसाराम को 7 दिनों का पैरोल मिलने के बाद रेप पीड़िता के परिवार ने शुक्रवार (16 अगस्त) को सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी. शाहजहांपुर की रहने वाली 16 वर्षीय पीड़िता से आसाराम ने अपने जोधपुर स्थित आश्रम में साल 2013 में दुष्कर्म किया था
पीड़िता के आरोप लगाने के बाद एक सितंबर 2013 को कथावाचक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. साल 2018 में इस मामले में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. अब जोधपुर हाईकोर्ट से इलाज के लिए पैरोल मिलने को लेकर पीड़िता के परिवार ने सवाल खड़े किए हैं
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के पिता ने अपने परिवार पर खतरा बताते हुए कहा कि उनके यहां जो पुलिस बल तैनात है, वह नाकाफी है और सुरक्षा को बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि जब आसाराम जेल के अंदर था तब यहां उसके मुकदमे के मुख्य गवाह 35 वर्षीय कृपाल सिंह की शाहजहांपुर के कैंट क्षेत्र में 10 जुलाई 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
वहीं, मुजफ्फरनगर में एक अन्य गवाह की गोली मार कर हत्या की गई थी. पीड़िता के पिता ने कहा कि वह और उनका परिवार आसाराम के पैरोल पर बाहर आने के बाद से काफी भयभीत है. उधर, शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अशोक कुमार मीणा ने शुक्रवार को को बताया कि पीड़िता के घर पर पुलिस बल पहले से ही तैनात है
इससे पहले इसी साल जून महीने में आसाराम को सीने में दर्द की शिकायत के बाद जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था. उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद जेल अधिकारी उसे जेल डिस्पेंसरी ले गए, जहां उसका इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट हुआ था