कार्रवाई के नाम पर पुलिस कर रही खानापूर्ति करीबी माफियाओं को मिल रहा संरक्षण

 

प्रयागराज/ गजब है कमरे में शराब गाड़ी में शराब गोदाम में शराब यानी शराब माफिया की करतूत ऐसी की जिले की धरती शराब उगल रही है उसकी दरिया बही जा रही है दारू की दरिया में डूब रहा यमुनानगर मौत की घूंट बेचकर अमीर बन रहे हैं इसके माफिया इसमें गोते लगा रहे हैं उनकी नाव को पर लगाने को पुलिस पतवार बनी दिख रही है। प्रयागराज जिला शराब से कुख्यात हो रहा है यहां की धरती चावल गेहूं की तरह शराब पैदा कर रही है जैसे इसकी खेती हो रही हो इन सब बातों का गौर करें तो एक बात साफ होती है कि अपनी वर्दी बचाने के लिए यमुनानगर के तमाम थाना प्रभारी को बिना मन के छापेमारी करना पड़ रहे हैं अपनों को पकड़ना पड़ रहा है उनके साम्राज्य को उजाड़ना पड़ रहा है इसलिए पिछले दोनों में जिले के पुलिस कमिश्नर द्वारा लगातार थाना प्रभारी समेत दरोगा व सिपाहियों पर कार्रवाई की गई यह कार्रवाई बताने को काफी है कि इस कारोबार को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करेगे। नाम न छापने के शर्त पर कई लोग बताते हैं की यमुनानगर के कई पुलिस अफसर शराब माफिया और गांजा माफियाओं के दुलारे हैं उनके सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है कुछ साहब से लेकर संतारी तक की भूमिका की जांच पुलिस कमिश्नर गोपनीय तरीके से अगर कर ले तो बड़ा खुलासा हो जाएगा कई थाना प्रभारी के बड़े-बड़े राज खुल जाएंगे। जरा सोचिए देवरानी जेठानी के मारपीट की सूचना पर जाने वाली पुलिस को अवैध शराब के कारखाने और गांजा माफियाओं के अवैध कारोबार की भनक न हो यह कैसे मुमकिन है दूसरों को मौत बांटने वाले शराब माफिया सरकारी राजस्व को लंबा चूना लगा रहे हैं वहीं राजनीति में भी अपना मुकाम बनाने का पूरा प्रयास कर रहे है। जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो सकती है आखिर क्या वजह है कि प्रयागराज पुलिस एक्शन में नहीं दिख रही है लगातार शराब माफियाओं का अवैध गोरख धंधा बढ़ता दिखाई दे रहा है लेकिन दारू की दुनिया आज की तो नहीं है ऐसे में पहले के जो अफसर इसमें गोते लगाकर मोती समेट कर चले गए उनकी मिली भगत अब सामने नही आएगी बरहाल यमुनानगर पुलिस को अब तो सक्रिय होकर इन थानों घूरपुर कौंधियारा बारा और करमा चौकी क्षेत्र में छापेमारी करके प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अवैध शराब के साम्राज्य से क्षेत्रीय लोगों को बचाया जा सके और माफियाओं पर कार्रवाई हो क्या यहां के स्थानीय थाना प्रभारी को जानकारी नहीं है कि उनके क्षेत्र में अवैध कारोबार सक्रिय हो रहा है एक सिपाही से लेकर दीवान तक हर कारोबार को जानता है और यह भी जानता है कि भांग की दुकान के सहारे खुलेआम क्षेत्र में नशीला गाँजा बेचा जाता है सूत्रों की माने तो हर महीने मिलने वाले सुविधा शुल्क की वजह से शराब तस्करों पर स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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